जमशेदपुर के इस मंदिर में 1101 दीये जला कर मनाया जायेगा दीपोत्सव, जानें इतिहास और खासियत
Jamshedpur News: घाटशिला के राम मंदिर में 22 जनवरी को मंदिर कमेटी की ओर से 1,101 दीये जलाकर दीपोत्सव मनाया जायेगा. वहीं, इस अवसर पर कई धार्मिक कार्यक्रम किये जायेंगे.
Jamshedpur News: अयोध्या (उत्तर प्रदेश) में आगामी 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा है. इसे लेकर देशभर में उत्सव का माहौल है. कोल्हान के राम मंदिरों में भी विशेष तैयारी चल रही है. घाटशिला के राम मंदिर (अग्रसेन स्मृति भवन) में 22 जनवरी को मंदिर कमेटी की ओर से 1,101 दीये जलाकर दीपोत्सव मनाया जायेगा. वहीं, इस अवसर पर कई धार्मिक कार्यक्रम किये जायेंगे. भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया जायेगा.
इतिहास
घाटशिला राम मंदिर का निर्माण वर्ष 1956 में शुरू हुआ और 1957 में तैयार हो गया. 29 मार्च, 1958 को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई. इसके बाद यह मंदिर आसपास के लोगों की आस्था का केंद्र बनता गया. रामनवमी आदि मौके पर मंदिर में विशेष कार्यक्रम किये जाते हैं.
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खासियत
राम मंदिर में भगवान श्रीराम, भाई लक्ष्मण और माता सीता की मूर्ति लगभग चार फीट ऊंची है. यहां हनुमान की मूर्ति भी स्थापित है. राम मंदिर में भगवान शिव की पूजा के लिए शिवलिंग स्थापित है. मंदिर में पूजा करने आने वाले भगवान शिव की भी पूजा करते हैं. बड़े भू-भाग में फैले राम मंदिर की अपनी अलग विशेषता है. राम मंदिर में स्थापित मूर्ति जयपुर से लायी गयी है.
भजन कीर्तन का होगा कार्यक्रम
संजय अग्रवाल, राम मंदिर कमेटी घाटशिला के अध्यक्ष ने कहा कि, 22 जनवरी को राम मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा. मंदिर कमेटी तैयारी में लगी है. 1,101 दीये जलाये जायेंगे. भजन कीर्तन का कार्यक्रम होगा. पूजा के बाद प्रसाद वितरण होगा.
मारवाड़ी समाज की अहम भूमिका
रमेश शर्मा राम मंदिर, घाटशिला के पुजारी ने बताया कि, राम मंदिर के निर्माण में मारवाड़ी समाज की अहम भूमिका है. मारवाड़ी समाज ने चंदा संग्रह कर मंदिर का निर्माण कराया. पहले मेरे पिता मंदिर के पुजारी थे. फिलहाल मैं राम मंदिर का पुजारी हूं.