जमशेदपुर में लगातार मिल रहे डेंगू के मरीज, बढ़ी चिंता, जानिये लक्षण और बचाव
जिले में बरसात में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे 70 संदिग्ध मरीजों का नमूना जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा गया था.
70 की आयी रिपोर्ट, आठ मिले डेंगू पॉजिटिव
जमशेदपुर :
जिले में बरसात में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे 70 संदिग्ध मरीजों का नमूना जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. शुक्रवार को जिला सर्विलांस विभाग को मिली रिपोर्ट के अनुसार आठ लोगों में डेंगू की की पुष्टि हुई है. इन मरीजों का इलाज टाटा मुख्य अस्पताल, एमजीएम अस्पताल, टाटा मोटर्स अस्पताल व मानगो के गुरुनानक अस्पताल में चल रहा है. इसमें एक सात साल की बच्ची और 67 साल की महिला भी शामिल है. अस्पतालों में भर्ती ये मरीज परसुडीह, बर्मामाइंस, नीलडीह, सीतारामडेरा, गोलमुरी और कदमा के एक-एक मरीज शामिल हैं. वहीं एक सरायकेला और एक बंगाल का रहने वाला है. जिले में अभी तक 39 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. सिविल सर्जन डॉक्टर साहिर पाल ने कहा कि डेंगू को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ घरों में जाकर एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही घरों में मिलने वाले लार्वा व प्यूपा को नष्ट भी किया जा रहा है.डेंगू से बचाव में जागरुकता जरूरी : डॉ मनीष कुमार
डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है. डेंगू बीमारी से बचने का एकमात्र तरीका मच्छर के काटने से बचना है, क्योंकि डेंगू का टीका अभी उपलब्ध नहीं है. उक्त बातें प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए डॉ मनीष कुमार, कंसल्टेंट, मेडिकल इंडोर सर्विसेज, टाटा मेन हॉस्पिटल ने कही. उन्होंने कहा कि पिछले साल (अगस्त और सितंबर 2023) में, टीएमएच में डेंगू बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई थी. इस दौरान मेडिसिन विभाग में डेंगू से पीड़ित कुल 2058 मरीजों का इलाज किया गया था. वहीं इस साल अभी तक 20 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. डेंगू के लक्षण दिखायी देने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
डेंगू के लक्षण
– अचानक तेज बुखार आना- सिरदर्द-आंखों के पीछे दर्द, जो आंखों की गतिविधि से बढ़ता है
– मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द– छाती और ऊपरी अंगों पर लाल चकत्ते
– मितली और उल्टी– थकान
– बार-बार उल्टी होना, खून के साथ या बिना खून के– नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना और त्वचा पर चकत्ते
– नींद आना और बेचैनी- मरीज को प्यास लगना और मुंह का सूखना- सांस लेने में कठिनाईबचाव
– अपने घर में रखे कूलर और छोटे कंटेनरों जैसे बर्तन और फूलदान में पानी जमा नहीं होने दें- रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें- ऐसे कपड़े पहनें जो आपके शरीर को पूरी तरह से ढक सकें– घर के आसपास बरसात का पानी जमा नहीं होने दें.
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