जमशेदपुर में तेजी से फैल रहा डेंगू, हर दिन मिल रहे संदिग्ध मरीज, जानें इससे बचने के उपाय
जमशेदपुर में डेंगू जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ गया है. डेंगू का प्रकोप बरसात के दिनों से शुरू होने लगता है. मच्छरों से बचाव करना ही डेंगू का बचाव है. इसके लिए लोगों को मॉस्किटो रिपेलेंट का प्रयोग, मच्छर भगाने के लिए क्वाइल का भी प्रयोग करना चाहिये.
जमशेदपुर में डेंगू जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ गया है. डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी की वजह से मरीजों की मौत भी हो सकती है. हर दिन शहर के विभिन्न अस्पतालों में डेंगू के संदिग्ध मरीज आ रहे हैं. जनवरी से लेकर अब तक 38 पॉजिटिव केस आ चुके हैं. जून और जुलाई माह में ही 22 पॉजिटिव मामले सामने आये हैं. शुक्रवार को छह मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. इसमें एक ढ़ाई साल का बच्चा भी शामिल है. उसका इलाज साकची स्थित डॉ अभिषेक चाइल्ड केयर में चल रहा है, जबकि चार मरीजों का ब्रह्मानंद अस्पताल और एक मरीज का मर्सी अस्पताल बारीडीह में इलाज चल रहा है.
शनिवार को टाटा मेन अस्पताल में चार मरीजों का इलाज चल रहा था, जबकि दो संदिग्ध मरीज मिला कर छह मरीज इलाजरत हैं. शनिवार को भी टेल्को इलाके में डेंगू का एक संदिग्ध मरीज मिला है, जिसका इलाज टाटा मोटर्स अस्पताल में चल रहा है. सर्विलांस विभाग की टीम ने मरीज का ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है. ज्यादातर मरीज तेज बुखार और शरीर में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल आ रहे हैं. पिछले साल 2022 में डेंगू के 32 पॉजिटिव केस मिले थे. जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ने से जिला स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गयी है. सिविल सर्जन डॉ जुझार माझी ने कहा कि डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है. टीम घर- घर जाकर सर्वे कर रही है.
डेंगू बुखार का पहला संकेत क्या है
डेंगू बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर पर दाने, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं. कुछ गंभीर मामलों में रक्तस्राव और सदमा होता है, जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है.
डेंगू किसके कारण होता है
डेंगू एक वायरल संक्रमण है. जो डेंगू वायरस के कारण होता है, जो मादा मच्छर एडीज एजिप्टटी के काटने से फैलता है. इस मच्छर की खासियत यह है कि यह दिन में ही काटता है. सूर्याेदय के दो से तीन घंटे बाद और सूर्यास्त के दो से तीन घंटे पहले यह काटता है. इस समय हमें मच्छर के काटने से बचाव पर ध्यान देने की आवश्यकता है. डेंगू का वायरस मूल रूप से चार तरह का होता है. सीरो टाइप डन 2 और डन सीरो टाइप 4 ज्यादा खतरनाक होता है. डेंगू वाले मच्छर के किसी इंसान को काटने के बाद डेंगू का वायरस इंसान के ब्लड में दो से सात दिनों तक रहता है.
मच्छरों से बचाव करना ही डेंगू से बचाव
डेंगू का प्रकोप बरसात के दिनों से शुरू होने लगता है. मच्छरों से बचाव करना ही डेंगू का बचाव है. इसके लिए लोगों को मॉस्किटो रिपेलेंट का प्रयोग, मच्छर भगाने के लिए क्वाइल का भी प्रयोग करना चाहिये. डेंगू के मच्छर ठहरे हुए पानी में पनपते हैं. इन मच्छरों के काटे जाने से ही डेंगू बीमारी होती है. इससे बचने के लिए टैंक, नालियां और गमलों में जमे हुए पानी को लगातार साफ करना जरूरी है.
डेंगू के लक्षण
संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं. इन लक्षणों में तेज बुखार (104°), सिर में दर्द, जोड़ों में दर्द, आखों के पिछले हिस्से में दर्द, आखों में लाली होना, गले में दर्द, छाती में दर्द, घबराहट व बेचैनी होना, उलटियां होना, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द, शरीर में प्लेटलेट्स की कमी, नाक से खून आना, त्वचा पर लाल चकते होना, ग्लैंड्स में सूजन होना आदि लक्षण शामिल हैं.
डेंगू बुखार से बचाव के उपाय
अपने घरों के आस- पास पानी जमा न होने दें. घरों में कूलरों का पानी निकालकर एक सप्ताह में जरूर बदलें. घर में कीटनाशक दवाई छिड़के, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, मच्छर भगाने वाली दवाइयों का प्रयोग करें. टंकियों और बर्तनों को ढक कर रखें, पानी जमा न हो, शरीर को ढककर रखें, ताकि मच्छर काट न सके. तेज महक वाली परफ्यूम लगाने से बचें, क्योंकि मच्छर किसी भी तरह की तेज महक की तरफ आकर्षित होते हैं.
डेंगू से बचाव का घरेलू उपाय क्या है
नारियल पानी ज्यादा पीयें, तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालें और फिर इस पानी को पीयें, मेथी की पत्तियों की चाय बनाकर पीयें, पपीते की पत्तियों को पीसकर या फिर पानी में उबालकर पीयें, 3-4 चम्मच चुकंदर का जूस एक गिलास गाजर के जूस में मिलाकर पीयें.
डेंगू का थोड़ा भी शक हो, तो अस्पताल जायें : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन जुझारू मांझी ने कहा कि डेंगू का थोड़ा भी शक हो, तो अस्पताल जायें. उन्होंने कूलर, गमले, टायर, टैंक और फ्रिज के पीछे की ट्रे से पानी निकालकर सुखाने, मच्छरों से बचाव के लिए पूरे शरीर और बांहों को ढकने वाले कपड़े पहनने व सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि मच्छरों के लार्वा की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में डेंगू की रोकथाम के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एंटी लार्वा और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इधर नगर निकायों की ओर से फॉगिंग का काम शुरू करवाया गया है.
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