Jamshedpur news. बड़ी कंपनियों के उत्पादन में आयी कमी से टारगेट से पिछड़ा विभाग, छोटे व्यापारियों से साध रहा हैं संपर्क

वाणिज्य-कर (सेल्स टैक्स) विभाग जमशेदपुर प्रमंडल ने सभी अंचलों में राजस्व वसूली को लेकर अधिकारी हुए सक्रिय

By Prabhat Khabar News Desk | December 11, 2024 7:12 PM

Jamshedpur news.

बड़ी कंपनियों में उत्पादन में आयी कमी के कारण वाणिज्य-कर (सेल्स टैक्स) विभाग कोल्हान प्रमंडल अपने टारगेट से पिछड़ता दिख रहा है. वाहन निर्माता बड़ी कंपनियों के पास 300 करोड़ से अधिक का टैक्स स्वरूप बकाया है, इसके अलावा अन्य कंपनियां भी टैक्स जमा करने में संकोच बरत रही हैं. वाणिज्य कर विभाग दिसंबर तक अपने टारगेट को दुरुस्त करने के लिए छोटे व्यापारियों तक अपनी पहुंच बढ़ा रहीं हैं. मंझोले कारोबारियों से संपर्क साध कर विभाग द्वारा राशि जमा करने को कहा जा रहा है, नहीं होने पर उनके बैंक खातों को अटैच करने में विभाग परहेज नहीं करेगा.विधानसभा चुनाव की समाप्ति और नयी सरकार के गठन के बाद राजस्व उगाही का सबसे बड़ा जिम्मा झारखंड में वाणिज्य कर विभाग, उत्पाद विभाग व माइंस विभाग के पास ही है. वाणिज्य-कर विभाग के लिहाज से जमशेदपुर प्रमंडल से राज्य सरकार के खजाने में सर्वाधिक राजस्व जाता है. लक्ष्य पूरा करने के लिए विभाग ने व्यापारियों पर एडवांस टैक्स देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. सभी अंचल से ताबड़तोड़ नोटिस निर्गत की जा रही हैं. नोटिस में 31 दिसंबर के पहले क्षमता के मुताबिक अधिकतम एडवांस टैक्स जमा करने को कहा गया है.

विभाग द्वारा सैकड़ों व्यापारियों -उद्यमियों को एडवांस और बकाया टैक्स जमा करने के लिए नोटिस दी है. वैसे व्यापारियों को भी नोटिस भेजी गयी है, जिन्होंने पांच हजार रुपये से कम टैक्स जमा किये हैं. जमशेदपुर प्रमंडल के तहत वाणिज्य-कर विभाग के पांच अंचल हैं. हर अंचल में कारोबार का आकलन करते हुए एडवांस टैक्स के लिए न्यूनतम राशि तय की गयी है. उससे कम भुगतान करने वाले व्यापारियों के कारोबार पर भविष्य में विशेष निगाह रखी जायेगी.वाणिज्य कर विभाग के वरीय अधिकारी अपर आयुक्त (प्रशासन) ने पांचों प्रमंडलों के साथ बैठक कर राजस्व संग्रह में तेजी लाने, बकाया भुगतान को प्राथमिकता के आधार पर जमा कराने का निर्देश दिया. अधिकारियों ने बताया कि बड़ी कंपनियों में काम की रफ्तार कम होने का सीधा असर आदित्यपुर औद्योगिक एरिया में पड़ता दिख रहा है, जिसके कारण एक बड़ा अंचल राजस्व से पिछड़ रहा है.

सेंट्रल व स्टेट जीएसटी भेज रही है डिफरेंस की नोटिस

राजस्व वसूली अभियान को प्राथमिकता देते हुए सेंट्रल जीएसटी व स्टेट जीएसटी ने डिफरेंस वाले मामलों को लेकर संबंधित व्यापारियों को नोटिस भेजनी शुरू कर दी है. सिंहभूम चेंबर के महासचिव मानव केडिया ने बताया कि डिफरेंस वाले मामलों में अधिकांश नोटिस भेजी जा रही हैं. डिफरेंस वाले मामलों को अधिकांश व्यापारी इग्नोर किये हुए रहते हैं, जिसके कारण उन्हें नोटिस का सामना करना पड़ता है. अधिकारियों द्वारा यह कहा जा रहा है कि क्रेडिट से एडजस्ट नहीं करें, बाकी भुगतान कर दें, जिसे बाद में एडजस्ट कर लें. व्यापारी चाहते हैं कि उनका इनपुट है, तो वे एडजस्ट करने के बाद ही बकाया का भुगतान करें.

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