गांव के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं, गोविंदाचार्य बोले- मेरा जिला मेरा प्रदेश पर हो काम
राष्ट्रीय स्वाभिमान ट्रस्ट के संस्थापक सह संरक्षक केएन गोविंदाचार्य ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कहा कि जब तक गांव का विकास नहीं होगा, तब तक भारत का विकास संभव नहीं है. कहा कि समाज की कमजोर कड़ी का जितना विकास होगा, वही वास्तविक विकास होगा.
Jharkhand News: राष्ट्रीय स्वाभिमान ट्रस्ट के संस्थापक सह संरक्षक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि मानव केंद्रित से प्रकृति केंद्रित विकास की ओर ले जाने वाला काम ही सही मायनों में विकास होता है. अब समय आ गया है, दुनिया को प्रकृति केंद्रित विकास की ओर लौटना होगा. गांव के विकास के बिना भारत का विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि समाज की कमजोर कड़ी का जितना विकास होगा, वही वास्तविक विकास होगा. गांव, किसान, नदी, पहाड़, पशु जब तक विकास की केंद्रीय धुरी में नहीं होंगे, तब तक होने वाले सभी विकास विनाश को ही आमंत्रित करेंगे. सबके साथ मिल कर जीना ही जीने का कौशल है. जिस गति से भारत अागे बढ़ रहा है, विश्व पटल पर असीम संभावनाएं देखने को मिल रही हैं.
लोगों से संवाद कर एक मंच पर लाना जरूरी
जमशेदपुर दौरे के क्रम में प्रभात खबर से विशेष बातचीत करते हुए केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि मौजूदा समय ‘मेरा गांव-मेरा देश’ और ‘मेरा जिला-मेरी दुनिया-मेरा प्रदेश’ पर काम करने का है. इसके लिए लोगों से संवाद स्थापित कर एक मंच पर लाना होगा. अपने गांव एवं अपने जिले में रचनात्मक कार्य कर रहे लोगों को जोड़ना होगा, तभी ग्लोबलाइजेशन और बाजारवाद की काट हो सकेगी.
ग्लोबलाइजेशन से देश और समाज में गरीबी और विषमताएं बढ़ी
केएन गोविंदाचार्य ने प्रकृति केंद्रित विकास पर बल देते हुए कहा कि 20 वर्ष पूर्व अध्ययन अवकाश से कई निष्कर्ष एवं बातें सामने आयी हैं. ग्लोबलाइजेशन से देश और समाज में गरीबी और विषमताएं बढ़ी हैं. वर्तमान व्यवस्था ने अमीरों को लाभ, तो गरीबों को लोभ दिया है.
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गांवों के उत्थान के बगैर देश की तरक्की संभव नहीं
उन्होंने कहा कि गांवों के उत्थान के बगैर देश की तरक्की संभव नहीं है. देश की राजनीतिक स्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि राजनीति छोड़ चुका हूं, जिस राह पर चलना नहीं, उसके बारे में जानकारी लेने की आदत नहीं है. भाजपा की सरकार के कामकाज पर पूछने पर उन्होंने कहा कि इस सड़क के वृक्षों के बारे में जानकारी लेकर वे क्या करेंगे. वे गांव के उत्थान की संकल्पना के साथ कार्य करने से देश का कैसे उत्थान हो, इसी दिशा में काम कर रहे हैं.
प्रकृति केंद्रित विकास ही सही
गोविंदाचार्य ने कहा है कि कोरोना संकट ने पूरी दुनिया को बताया है कि प्रकृति केंद्रित विकास ही सही है. उन्होंने कहा कि सत्ता अगर समाज सत्ता से आगे रहेगी, तो सत्यानाश होना तय है. सत्ता के आगे समाज सत्ता का होना जरूरी है. अर्थ सत्ता का नंबर इसके बाद आना चाहिए.