Jamshedpur news. इष्ट देवी-देवता मरांगबुरू, जाहेरआयो, लिटा-मोणे व तुरूईको के चरणों में नतमस्तक हुए श्रद्धालु
कीताडीह गांव में माघ पूजा होते ही शुभ कार्य आरंभ, अब होने लगेंगे मिट्टी व खपरैल से बने घरों की मरम्मत
Jamshedpur news.
जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत कीताडीह गांव में रविवार को ग्रामीणों ने माघ पूजा का आयोजन किया. गांव के नायके बाबा (पुजारी) महावीर मुर्मू की अगुवाई में ग्रामीणों ने अपने इष्ट देवी-देवता मरांगबुरू, जाहेरआयो, लिटा-मोणे व तुरूईको के चरणों में नतमस्तक होकर परिवार और समस्त ग्रामीणों के सुख समृद्धि की कामना की. नायके बाबा महावीर मुर्मू ने बताया कि आदिवासी समाज की मान्यतानुसार माघ पूजा साल की प्रथम पूजा है. इस पूजा के साथ ही शुभ कार्य का आरंभ हो जाता है. मिट्टी व खपरैल से बने घरों की मरम्मत का कार्य शुरू हो जाता है.पूजा के पश्चात दी गयी जंगलों से लकड़ी काटने की सामाजिक अनुमति
महावीर मुर्मू ने कहा कि माघ पूजा के बाद घरों में उपयोग के लिए जंगलों से लकड़ी काटने की सामाजिक अनुमति दी गयी. परंपरा के अनुसार माघ पूजा से पहले जंगल से एक लकड़ी को घर में लाने तक की मनाही थी. आदिवासी समाज का हर पर्व और त्योहार के पीछे सामाजिक और सांस्कृतिक उद्देश्य है. कोई भी पर्व-त्योहार बिना किसी उद्देश्य के नहीं मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि सुदूर गांव-देहातों में सभी पर्व-त्योहारों में एक अलग ही उल्लास का माहौल रहता है. लोग सामूहिक रूप से पर्व-त्योहार को मनाते हैं. नयी पीढ़ी को अपने सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों में आगे बढ़कर शामिल होना चाहिए. पूर्वजों ने काफी सोच विचार करने के बाद समाज के लोगों को एकसूत्र में पिरोये रखने के लिए पर्व-त्योहार बनाए हैं. इस अवसर पर बंगाल माझी, किशुन मुर्मू, सुदाम मुर्मू, मनोज मुर्मू, विकास मुर्मू, चुनू हेंब्रम, बिंदु सोरेन, हेमंत सोरेन, रामराय सोरेन, खेला सोरेन, गुरबा हांसदा, नारायण हेंब्रम, राजाराम मुर्मू, मधुसूदन सोरेन, विक्की कांडिर, बजाय बिरूआ, तुराम सुंडी, सौरभ बिरूआ, सिपाही बिरूआ, राहुल हांसदा आदि उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है