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Jamshedpur news. डीजीजीआइ का शहर के आठ व्यापारियों को सम्मन, हाजिर होकर बयान दर्ज करायें, नहीं तो कार्रवाई

जैसुका बंधुओं के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान बरामद कागजात से हुए कई खुलासे, जांच आगे बढ़ी

Jamshedpur news.

डीजीजीआइ (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) की टीम ने पिछले दिनों फर्जी इनवॉइस से आइटीसी हासिल करने वाले लोगों के ठिकानों से बरामद कागजात की जांच तेज कर दी है. डीजीजीआइ के संयुक्त निदेशक सार्थक सक्सेना के दिशा-निर्देश में जुगसलाई के राजेश जैसुका, विकास जैसुका व गोलू नामक व्यापारियों द्वारा आयरन व माइंस के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जी शेल कंपनियां बनाकर अवैध तरीके से इनवॉइस तैयार किये जाने के मामले में की जा रही जांच में यह बात सामने आयी है कि कंपनी से जुड़े व्यापारियों द्वारा इनका उपयोग कर फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट भी हासिल कर लिया है.

डीजीजीआइ ने जैसुका बंधुओं के आठ ठिकानों पर छापेमारी कर तीन कंप्यूटर, चार लैपटॉप और छह मोबाइल फोन समेत काफी संख्या में फर्जी रसीद, चालान बुक आदि को जब्त किया था. इन सभी को फॉरेंसिक जांच में भेजा गया, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू की गयी है. आइटीसी फर्जीवाड़ा की जांच में आधा दर्जन से अधिक व्यापारियों की पहचान हो पायी है, जिनके फॉर्म व खातों का इस्तेमाल फर्जी लेन-देन में हुआ है. इन व्यापारियों को नोटिस भेज कर उन्हें संबंधित लेन-देन के संबंध में स्टेटमेंट रिकॉर्ड कराने का निर्देश दिया गया है.

डीजीजीआइ अधिकारियों ने बताया कि तय अवधि में यदि संबंधित व्यापारी कार्यालय में उपस्थित होकर अपना स्टेटमेंट दर्ज नहीं कराते हैं, तो समझा जायेगा कि वे विभाग को सहयोग नहीं करना चाहते हैं और उनकी संलिप्तता इसमें है. ऐसी स्थिति में विभाग उनके खिलाफ सीधी कार्रवाई-संस्थान में छापेमारी करने को बाध्य होगा. जुगसलाई के व्यापारी राजेश जैसुका, विकास जैसुका, गोलू और आदित्यपुर फेज दो डबल रोड स्थित मातेश्वरी इंजीनियरिंग के मालिक लोकेश शर्मा लक्की ने छापेमारी के बाद डीजीजीआइ कार्यालय में पांच करोड़ रुपये की राशि अपने कर्मचारियों के माध्यम से जमा कराने का काम किया .

धनबाद के सौरव सिंघल व शिवम सिंह की तलाश में छापेमारी

धनबाद में डीजीजीआइ ने पिछले दिनों राजीव सिंघल, शिवम सिंह समेत अन्य के आठ ठिकानों पर छापेमारी कर 150 करोड़ रुपये के जीएसटी चोरी मामले का खुलासा किया था. छापेमारी के समय सौरव सिंघल व शिवम सिंह नहीं मिले. इनके अलावा डीजीजीआइ की टीम मिथिलेश सिंह को भी ढूंढ रही है. डीजीजीआइ के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी में फरार रहने के बाद राजीव सिंघल, शिवम सिंह व मिथलेश सिंह को फर्म के माध्यम से नोटिस भेज कर हाजिर होने और अपना स्टेटमेंट दर्ज कराने को कहा गया था, तय अवधि पार होने के बाद वे हाजिर नहीं हुए. इस दौरान उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिये गये हैं. इस क्रम में कुछ स्थानों पर दबिश भी दी गयी.

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