केंद्र सरकार ने धालभूमगढ़ एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को बंद कर दिया है, जिससे हजारों निवेशकों का सपना टूट गया है. एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र में लोगों ने लैंड और एस्टेट में करोड़ों रुपये निवेश कर रखा है, लेकिन अब एयरपोर्ट नहीं बनने से लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोगों ने यहां जमीन का कारोबार काफी तेज कर दिया था.
एयरपोर्ट का नामोनिशान नहीं था, लेकिन एयरपोर्ट कॉलोनी की स्थापना कर दी गयी थी. उसका नामकरण भी कर दिया गया था. यहां प्लॉट भी तैयार किया गया और प्लॉटिंग कर जमीन बेचा जा रहा था. एयरपोर्ट के नाम पर धालभूमगढ़ थाना से करीब एक किलोमीटर पश्चिम एक कॉलोनी भी बसा दी गयी.
जब धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण की चर्चा तेज हुई थी, तो अचानक यहां जमीन की कीमत तेजी से बढ़ने लगी थी. धालभूमगढ़ के अलावा चाकुलिया, घाटशिला और जमशेदपुर समेत अन्य शहरों से लोग यहां आकर जमीन खरीदने लगे थे. लोगों को लगता था कि एयरपोर्ट बन जाने से इलाके का तेजी से विकास होगा और जमीन में उनका निवेश सार्थक होगा. एयरपोर्ट के भूमि पूजन के बाद तो जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी थी.
आलम यह था कि जमीन का भाव कट्ठा और डिसमिल से होते हुए वर्ग फीट तक पहुंच गया था. धालभूमगढ़ से घाटशिला तथा बहरागोड़ा की तरफ एनएच के आसपास की अधिकांश भूमि तेजी से बिक रही थी. एयरपोर्ट की संभावना के मद्देनजर बाहर के लोगों ने काफी जमीन खरीदी कर प्लॉटिंग भी कर ली. 4 लाख से 6 लाख रुपये कट्ठा जमीन बिक्र रही थी. अब रेट सीधे धड़ाम हो गया है.