जमशेदपुर: कोरोना के कम होने के बाद होली की तैयारी को लेकर उत्साह है. होली पर बड़ी संख्या में लोग बिहार जाते हैं. पहले होली के 15 दिन पहले ही बसों में सीटों की बुकिंग शुरू हो जाती थी. एक सप्ताह पूर्व तक तो सभी सीटें फुल भी हो जाती थी. इस बार मानगो बस स्टैंड से बस चलाने वालों के चेहरों पर मायूसी दिख रही है.
बस मालिकों की चिंता दो-तीन दिनों में डीजल के दाम में बड़ी वृद्धि की आशंका को लेकर है. उनका कहना है कि ऐसा हुआ, तो होली पर बसों का परिचालन बंद करना पड़ेगा. अभी मानगो पड़ाव से 60 प्रतिशत बसें ही चल रही है. बसों में सवारी नहीं है. लंबा समय हो गया जब बसों के फुल हो बिहार जाते देखा हो.
कोरोना काल के पहले मानगो पड़ाव से 450 से अधिक गाड़ियां चलती थी. कोरोना में सब ठहर गया. धीरे-धीरे 350 गाड़ियां सड़क पर आयी. सवारी नहीं मिलने के कारण 100 से अधिक गाड़ियों को मालिकों ने सड़क से हटा लिया. बड़ी मुश्किल से 250 से कम गाड़ियां अभी प्रतिदिन चल रही है. इसमें बिहार, बंगाल, चाईबासा, रांची की भी गाड़ियां हैं.
सरकार बस मालिकों की सुनने को तैयार नहीं है. अब तक स्टेट ट्रांसपोर्ट ऑथिरिटी का गठन नहीं किया गया. इसके गठन होने से जनप्रतिनिधि के साथ-साथ बस एसोसिएशन का भी प्रतिनिधित्व होगा, जो समय-समय पर अपनी बातों को रख सकेंते. परमिट के लिए आवेदन व पैसा जमा कराने के बाद भी विचार नहीं हो रहा है. खड़ी गाड़ियों पर मालिकों को रोड टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा. सभी राज्यों ने टैक्स में कटौती की लेकिन झारखंड सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई.
मानगो बस स्टैंड से बस चलाने वालों के चेहरों पर दिख रही मायूसी
अभी मानगो बस पड़ाव से 60 प्रतिशत बसें ही अलग-अलग क्षेत्रों की चल रही है
अब खुद ही फैसला लेना होगा. किराया बढ़ा देना ही ऑप्शन नहीं है. सवारी मिल नहीं रही है. डीजल का दाम राजनीतिक कारणों से पिछले कुछ दिनों से नहीं बढ़ रहा है. दो-तीन दिन हर हाल में बढ़ेगा. यूक्रेन-रूस वार भी उसका कारण है. ऐसी स्थिति में जो बसें चल रही हैं, उनकी भी संख्या आधी के कम हो जायेगी. होली में सवारी मिलेगी तो गाड़ियों का परिचालन जरूर होेेगा.
उपेंद्र शर्मा, प्रमुख, मानगो बस टर्मिनल
Posted By: Sameer Oraon