31 अक्टूबर को ही क्यों मने दीपावली, धर्म रक्षिणी पौरोहित्य महासंघ के पुरोहितों ने बताया, जानें कब है धनतेरस

Diwali Date: त्रयोदशी 29 अक्टूबर को पूर्वाह्न 11:00 बजे से 30 अक्टूबर को अपराह्न 1: 04 बजे तक है. अमावस्या 31 को अपराह्न 3:12 से 1 नवंबर की शाम 5:13 बजे तक है.

By Mithilesh Jha | October 18, 2024 6:50 PM

Diwali|Deepawali 2024 Date|Dhanteras Date|जमशेदपुर के आनंदेश्वर महादेव मंदिर में हुई धर्म रक्षिणी पौरोहित्य महासंघ की बैठक में खाता-बही खरीदने, धनतेरस रूप चतुर्दशी (छोटी दीपावली), दीपावली आदि के मुहूर्त पर शास्त्रीय निर्णय लिये गये. सर्वसम्मति से फैसला हुआ कि धनतेरस और दीपावली प्रदोष व्यापिनी पर्व है. काली पूजन मध्य रात्रि में ही होती है. मध्य रात्रि में अमावस्या का होना अनिवार्य है.

31 अक्टूबर को अपराह्न 3:13 से 1 नवंबर की शाम 5:13 बजे तक अमावस्या

इस वर्ष त्रयोदशी 29 अक्टूबर को पूर्वाह्न 11:00 बजे से 30 अक्टूबर को अपराह्न 1: 04 बजे तक है. अमावस्या 31 अक्टूबर को अपराह्न 3:12 से एक नवंबर की संध्या 5:13 बजे तक है. 31 अक्टूबर की मध्य रात्रि में अमावस्या रहने के कारण आचार्य द्वारा निर्णय लिया गया कि 29 अक्टूबर को धनतेरस और 31 अक्टूबर को दीपावली और काली पूजा मानना शास्त्र सम्मत है.

24 अक्टूबर को खाता-बही खरीदना श्रेष्ठ

संघ के अध्यक्ष पंडित विपिन झा ने बताया कि अहोई अष्टमी (गुरुपुष्य योग) 24 अक्टूबर की सुबह 6:15 से 25 अक्टूबर की सुबह 7:39 बजे तक है. इसी मुहूर्त में खाता-बही, बसना, कलम-दवात और लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति आदि की खरीदारी करनी चाहिए.

धर्म रक्षिणी पौरोहित्य महासंघ के पुरोहितों की बैठक.

फुलझड़ियों के साथ मनाएं दीपावली

इस दिन शुभ की चौघड़िया प्रातः 6:15 से 7:02 बजे तक, चर की चौघड़िया सुबह 9:54 से 11:20 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त 10:57 से 11:45 तक, लाभ और अमृत की चौघड़िया पूर्वाह्न 11:20 से अपराह्न 2:12 तक है. संध्या काल शुभ की चौघड़िया अपराह्न 3:38 से 5:03 बजे तक और अमृत की चौघड़िया अपराह्न 5:03 से 6:38 बजे तक है. उपरोक्त चौघड़िया में खाता-बही खरीदना श्रेष्ठ रहेगा. उन्होंने बताया कि दीपावली आपसी भाईचारा और प्रदूषण तथा सुरक्षा का ध्यान रखते हुए फुलझड़ियों के साथ मनाना चाहिए.

धन त्रयोदशी और दीपावली पर्व में प्रदोष का योग शुभ

संघ के सचिव उमेश कुमार तिवारी ने बताया कि धन त्रयोदशी और दीपावली पर्व में प्रदोष का प्राप्त होना आवश्यक है. अतः भ्रम में न पड़ते हुए बतायी गयी तिथि के अनुसार धनतेरस और दीपावली मनाएं. इस दौरान पंडित मुन्ना पांडे, सत्येंद्र पांडे, रमेश कुमार उपाध्याय, सुधीर कुमार झा, जितेंद्र पांडे, प्रमोद कुमार पांडे, मनीष पाठक, गंगा ओझा व अन्य मौजूद रहे.

Also Read

इस माह के व्रत-त्योहार : दान, स्नान, अनुष्ठान और उपवास को समर्पित महीना कार्तिक कल से

Karwa Chauth: करवा चौथ पर रांची में सिल्क शरारा, लाल अनारकली और लहंगा विद डिजाइनर क्रॉप टॉप का ट्रेंड

Next Article

Exit mobile version