2005 में पहली बार प्रधानमंत्री रहते डॉ मनमोहन सिंह आए थे झारखंड, बोकारो के लोगों को दिया था बड़ा तोहफा

Dr. Manmohan Singh: डॉ मनमोहन सिंह साल 2005 में पहली बार झारखंड आए थे. उस समय जमशेदपुर पूर्वी के कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए आए. इसके बाद साल 2008 में वे दूसरी बार जमशेदपुर आए.

By Sameer Oraon | December 27, 2024 9:50 AM

रांची : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह गुरुवार रात निधन हो गया. उनके झारखंड दौरे को लेकर कई यादें हैं. पहली बार वे साल 2005 में वे प्रधानमंत्री रहते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जमशेदपुर पूर्वी से कांग्रेस प्रत्याशी रामाश्रय प्रसाद के लिए चुनाव प्रचार करने आए थे. चूंकि जमशेदपुर में सिख की बड़ी आबादी है. सिख वोटरों को साधने के लिए ही उन्हें उस वक्त जमशेदपुर बुलाया गया था. इसके बाद वे साल 2008 में बोकारो के लोगों को बड़ा तोहफा दिये थे.

22 अप्रैल 2008 को दूसरी बार आए जमशेदपुर

मनमोहन सिंह 22 अप्रैल 2008 में दूसरी बार जमशेदपुर आए. मौका था टाटा स्टील के शताब्दी वर्ष का. जमशेदपुर पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत हुआ. टाटा स्टील के तत्कालीन प्रबंध निदेशक बी मुथुरमन ने सोनारी हवाई अड्डे पर उनका ग्रैंड वेलकम किया. उस वक्त उस कार्यक्रम में झारखंड के तत्कालीन राज्यपाल स्वर्गीय सैयद सिब्ते रजी, तत्कालीन केंद्रीय रसायन उर्वरक और इस्पात मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान, झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत कई लोग शामिल थे.

डॉ मनमोहन सिंह ने डाक टिकट का किया था अनावरण

टाटा स्टील के शताब्दी कार्यक्रम डॉ मनमोहन सिंह ने एक डाक टिकट का अनावरण किया था, जिसे भारत सरकार के संचार मंत्रालय ने देश के लिए टाटा स्टील की 100 वर्षों की नि:स्वार्थसेवा को सलाम करने के लिए एक स्मृति चिह्न के रूप में बनाया था. यह न केवल 1907 में भारत में औद्योगिक क्रांति को गति देने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि पिछले 10 दशकों में इसने जिन भी क्षेत्रों में कदम रखा है, उन सभी में मानक स्थापित करना भी इसका प्रतीक है.

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साल 2008 में बोकारो भी आए थे डॉ मनमोहन सिंह

साल 2008 में पूर्व प्रधानमंत्री बोकारो भी आए थे. मौका था बीएसएल के 11,000 करोड़ रुपये के आधुनिकीकरण व विस्तार परियोजना की आधारशिला रखने का. इस कार्यक्रम में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी थी. इस दौरान डॉ मनमोहन सिंह ने चार स्टीलमैन की एक स्मारक का भी अनावरण किया, जिसमें वे एक खुली किताब के ऊपर सेल के प्रसिद्ध प्रतीक को उठाए हुए हैं. इसके उन्होंने विद्युतीकरण कार्यक्रम के तहत बोकारो जिले के 10 गांवों के विद्युतीकरण का भी उदघाटन किया था.

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