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जमशेदपुर में गहराते पेयजल संकट का क्या है समाधान? झारखंड के पूर्व मंत्री व विधायक सरयू राय ने दिए ये सुझाव

विधायक सरयू राय ने कहा कि पहले टाटा स्टील की कंपनी जुस्को और अब टीएसयूआईएसएल जमशेदपुर में पीने का पानी दे रही है. यह कंपनी मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना भी चला रही है. मोहरदा का संकट अब पूरे जमशेदपुर पर छा गया है. यही संकट बागबेड़ा, जुगसलाई आदि पर भी आने वाला है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2023 7:00 PM
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जमशेदपुर: झारखंड के पूर्व मंत्री व विधायक सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर में गहराते जा रहे पेयजल संकट का समाधान छोटे-मोटे सामंजस्य बैठाने के तात्कालिक उपायों से नहीं होगा. इसके लिए एक व्यापक एवं समन्वित दीर्घकालिक उपाय पर अमल करना होगा. कल तक हम नदी के जल प्रवाह में कमी आ जाने के कारण मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना से स्वच्छ पानी देने की कठिनाई से जूझ रहे थे. आज यह संकट जमशेदपुर के टाटा लीज़ क्षेत्र की पेयजलापूर्ति पर खड़ा हो गया है. श्री राय ने इसके समाधान बताए हैं.

शहरीकरण से बदतर होती जा रहीं स्वर्णरेखा और खरकई नदियां

विधायक सरयू राय ने कहा कि पहले टाटा स्टील की कंपनी जुस्को और अब टीएसयूआईएसएल जमशेदपुर में पीने का पानी दे रही है. यह कंपनी मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना भी चला रही है. जमशेदपुर में पेयजल आपूर्ति में अस्वच्छता दिखने का जो संकट यह कंपनी अभी देख रही है, उसका बेहतर अनुभव इसे मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना चलाने में होता रहा है. मोहरदा का संकट अब पूरे जमशेदपुर पर छा गया है. यही संकट बागबेड़ा, जुगसलाई आदि पर भी आने वाला है. कारण कि स्वर्णरेखा और खरकई नदियां अविवेकपूर्ण शहरीकरण के कारण बद से बदतर स्थिति में पहुंचती जा रही हैं. इनका जल दिन पर दिन ज़्यादा गंदा होते जा रहा है. इसलिये केवल जलकुंभी साफ़ कर देना, जलशोधन के समय ज़्यादा कैमिकल डाल देना, बरसात के कारण नदी के जल प्रवाह में कमी होने का कारण बताना तथा चांडिल डैम और डिमना लेक से सीमित जल छोड़ने की बात करना समस्या का स्थायी समाधान नहीं है.

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औद्योगिक जलापूर्ति और पेयजलापूर्ति का ऐसे कर सकते हैं समाधान

सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर एवं समीपवर्ती इलाक़ों में हो रहे औद्योगिक एवं पेयजल की आपूर्ति का एकमात्र सतही स्रोत स्वर्णरेखा, खरकई और इसकी सहायक नदियां हैं, जिनमें वर्षा का जल प्रवाहित होता है. इन दो जल भंडारों के स्तर पर ही जमशेदपुर एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में औद्योगिक जलापूर्ति और पेयजलापूर्ति की योजना बनानी पड़ेगी.

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विमर्श के लिए विशेषज्ञों का समूह बनाएं

विधायक सरयू राय ने कहा कि इसके अलावा कोई अधिक सटीक उपाय इस संकट के समाधान के संदर्भ में हो तो इस पर खुला विमर्श किया जाना चाहिए. इन बिन्दुओं पर परामर्श के लिए टाटा स्टील और सरकार आंतरिक एवं बाह्य विशेषज्ञों का समूह बनाएं. अपनी यह अवधारणा परसों 18 जुलाई को रांची में सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा वर्तमान मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के सुदृढ़ीकरण और इसके विस्तार के लिए इसका फ़ेज़-2 क्रियान्वित करने पर विचार करने के लिए बुलाई गई बैठक में रखूंगा.

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ये हैं संक्षिप्त समाधान-

1. औद्योगिक जलापूर्ति नदियों से सीधे पानी खींचकर किया जाए.

2. पेयजल आपूर्ति के लिए चांडिल डैम से रोज़ाना उतना पानी डिमना लेक में डाला जाए जितना की ज़रूरत जमशेदपुर और समीपवर्ती क्षेत्रों लिए है तथा डिमना लेक से यह पानी पाइप के माध्यम से पेयजल के लिए आपूर्ति किया जाए.

3. सतनाला डैम पर भी पेयजल आपूर्ति संरचना खड़ा की जाए.

4. चांडिल डैम से स्वर्णरेखा को ज़िंदा रखने के लिए सतत निर्धारित पर्यावरणीय प्रवाह छोड़ा जाए.

5. जमशेदपुर के लिए नाला आधारित विकास योजना बने. नालों की सेहत ठीक रखी जाए और नदियों में गिरने के पहले उनके दूषित जल की सफ़ाई की जाए.

6.सिवरेज सिस्टम को शहरीकरण का अनिवार्य अंग बनाया जाए.

7. उपयोग किए गए जल का पुनः चक्रीकरण किया जाए.

8. टाटा स्टील और झारखंड सरकार की एक संयुक्त समिति औद्योगिक जल एवं पेयजल आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए बने.

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पेयजल में गंदगी की शिकायत पर लिया था संज्ञान

सरयू राय ने पिछले दिनों ट्वीट किया था कि टाटा लीज़ क्षेत्र की 4 बस्तियों के उपभोक्ताओं ने टीयूआईएसएल (जुस्को) की पेयजल आपूर्ति में गंदगी एवं कीड़े आने की शिकायत मुझे भेजा है. शिकायतकर्ताओं का फ़ोन,शिकायतों का स्क्रीन शॉट मैंने एमडी को भेजा दिया है. उन्होंने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया है. कहीं भी ऐसा हो तो सूचित करें.

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