दुर्गा पूजा को लेकर प्रदूषण विभाग अपने स्तर पर तैयारी की है. प्रदूषण विभाग ने पूजा कमेटियों के नाम गाइडलाइन जारी की है. प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पूजा समितियों से सहयोग मांगा गया है. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी जीतेंद्र कुमार सिंह ने इसे लेकर यह कहा है कि लोग नदी को साफ रखने के लिए खास तौर पर पहल करें, ताकि पूजन सामग्री का विसर्जन नदी में सीधे नहीं बहाएं बल्कि बनाए गये कुंड में डालें. देवी की प्रतिमा को भी सीधे नदी में प्रवाहित नहीं करे.
पहले प्रतिमाओं के गहने और प्लास्टिक को हटा दिया जाये, उसके बाद किसी तालाब में प्रवाहित किया जाये, ताकि फिर से तालाब की सफाई हो जाये. नदी की सफाई करना संभव नहीं हो पाता है, जिस कारण नदियों में गंदगी बढ़ जाती है. पूजा के पहले पानी का सैंपल लिया जायेगा, उसके बाद पूजा के दौरान क्या स्थिति है, उसकी भी जांच की जायेगी. फिर विसर्जन के बाद पानी का सैंपल लिया जायेगा, जिसके बाद यह पता लगाया जायेगा कि नदी का प्रदूषण हुआ है या नहीं. अस्पताल समेत अन्य प्रतिबंधित स्थानों पर लाउडस्पीकर नहीं बजाने को कहा गया है. लापरवाही नहीं बरतने की अपील की गयी है और कहा गया है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठायें.
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