Jamshedpur News : कुपोषण उपचार में पूर्वी सिंहभूम को मिला पहला स्थान

Jamshedpur News : राज्य में संचालित कुपोषण उपचार केंद्रों को लेकर झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य समिति द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में त्रैमासिक रैंकिंग रिपोर्ट जारी की गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 11, 2025 9:50 PM

बेड ऑक्यूपेंसी रेट 73.93 प्रतिशत और स्वस्थ होने का दर 92.12 प्रतिशत रहा

झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य समिति ने जारी की वित्तीय वर्ष 2024-25 में त्रैमासिक रैंकिंग रिपोर्ट

Jamshedpur News :

राज्य में संचालित कुपोषण उपचार केंद्रों को लेकर झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य समिति द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में त्रैमासिक रैंकिंग रिपोर्ट जारी की गयी है. रिपोर्ट में पूर्वी सिंहभूम जिले का प्रदर्शन सबसे बेहतर है. जिले का औसत बेड ऑक्यूपेंसी रेट 73.93 प्रतिशत और स्वस्थ होने का दर 92.12 प्रतिशत है, जिसने जिले को पूरे राज्य में पहला स्थान दिलाया.राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, शिशु स्वास्थ्य कोषांग के नोडल पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि झारखंड के सभी जिलों का औसत बेड ऑक्यूपेंसी रेट 44.71 प्रतिशत एवं स्वस्थ होने का दर 91.90 प्रतिशत पाया गया है. वहीं, संयुक्त सूचकांक के आधार पर राज्य के छह जिले पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, गोड्डा, गढ़वा, देवघर एवं सिमडेगा को 75 प्रतिशत से अधिक अंक के साथ अच्छी श्रेणी में रखा गया है. वहीं, 18 जिले को 50 से 75 प्रतिशत अंक के साथ मध्यम श्रेणी में रखा गया है.

पीकेएस व बहरागोड़ा कुपोषण उपचार केंद्र 114.1 अंक के साथ पहले स्थान पर

रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुल 101 कुपोषण उपचार केंद्र संचालित हैं. जिसमें पूर्वी सिंहभूम जिले के टेल्को में स्थित पीकेएस कुपोषण उपचार केंद्र और सीएचसी बहरागोड़ा में स्थित कुपोषण उपचार केंद्र 114.1 अंक के साथ पहला स्थान हासिल किया है. वहीं, राज्य के अन्य 28 कुपोषण उपचार केंद्रों को भी अच्छी श्रेणी में रखा गया है. जबकि 63 उपचार केंद्रों को मध्य और नौ केंद्रों को खराब श्रेणी में शामिल किया गया है. वहां की स्थिति काफी खराब पायी गयी है. जिसे देखते हुए वहां पर सुधार करने का निर्देश दिया गया है.

वर्जन….

पूरे राज्य में एक नंबर होना यहां के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों व पदाधिकारी की मेहनत का फल है. कुपोषण को जड़ से खत्म करने को लेकर यहां एक विशेष प्लान तैयार किया गया है. जिसपर काम चल रहा है. जल्द ही यहां कुपोषण की समस्या खत्म होगी.

डॉ साहिर पाल, सिविल सर्जन, पूर्वी सिंहभूमB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version