जिला से नेशनल स्तर तक स्कूली खेलों पर ग्रहण

अब देशभर में जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआइ) स्कूली खेलों का आयोजन नहीं करा सकेगा.

By Pritish Sahay | June 8, 2020 3:20 AM

जमशेदपुर : अब देशभर में जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआइ) स्कूली खेलों का आयोजन नहीं करा सकेगा. देशभर में आयोजित होनेवाली स्कूली खेल स्पर्धाओं से लाखों रुपये की हेरफेर होने और खराब संचालन के कारण इसे खेल मंत्रालय ने अपनी मान्यता सूची से हटा दिया है.

एसजीएफआई अलग-अलग राज्यों में स्कूली शिक्षा विभाग और फिर जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में खेलों का आयोजन कराता है. इसके लिए शिक्षा निदेशालय साल भर की खेल गतिविधियों का खेल कैलेंडर भी जारी करता है. खेल मंत्रालय द्वारा एसजीएफआइ को अपनी मान्यता सूची में शामिल नहीं करने से हजारों खिलाड़ियों का भविष्य भी दांव पर लग गया.

एसजीएफआई द्वारा जारी किये गये खेल प्रमाण पत्रों के आधार पर नेशनल स्तर के खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स ग्रेडेशन, सालाना स्कॉलरशिप, खेल कोटा और रेलवे की सुविधाओं के साथ सरकारी नौकरी का लाभ नहीं मिलेगा. अधिकांश प्रमाण पत्रों पर जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं. इसके बाद खेल विभाग के अधिकारियों के भी हस्ताक्षर इन प्रमाण पत्रों पर होते हैं. इससे इन प्रमाण पत्रों की प्रमाणिकता पर बहुत बड़ा सवाल उठेगा.

  • खिलाड़ियों का भविष्य दांव पर, बढ़ी चिंता

  • निजी स्कूल बच्चों से नहीं ले सकेंगे खेल फंड की राशि

  • नयी व्यवस्था बनाने में जुटा खेल मंत्रालय

  • 52 नेशनल स्कूली खेल चैंपियनशिप रद्द

एसजीएफआइ की वेबसाइट पर खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता रद्द करने के आदेशों के कारण 52 नेशनल स्कूली खेल चैंपियनशिप रद्द करने का नोटिस लगा दिया गया है. इन खेल स्पर्धाओं में कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के खिलाड़ी भाग लेते हैं. जिनकी स्पर्धाएं जून और जुलाई में आयोजित की जानी थी. लेकिन अब इन खेलों को रद्द करने का नोटिस लगाने के बाद खेलों की तैयारियों में जुटे खिलाड़ियों के भविष्य पर ही दांव पर लग गया है.

झारखंड से हर साल 1000 खिलाड़ी लेते हैं भाग : एसजीएफआइ की ओर से आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में हर साल झारखंड से 17 से 18 खेलों से लगभग 1000 से अधिक खिलाड़ी भाग लेते हैं. वहीं इस आयोजन के बंद होने से यहां के खिलाड़ियों के भविष्य पर भी सवाल उठ गया है. झारखंड सरकार के खेल विभाग को भी इस संबंध में चिट्ठी मिली है.

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