चुनाव का असर : सड़कों से गायब हुईं बसें, सफर हुआ महंगा
लोकसभा चुनाव का असर बसों के परिचालन पर दिखने लगा है. सड़कों से बसें गायब हो रही है. जिसका सीधा असर बस यात्रियों की जेब पर पड़ने लगा है.
-यात्रा करने से पहले जान लें कब मिलेगी राहत, तैयार कर लें ट्रेवल प्लान
अशोक झा , जमशेदपुरलोकसभा चुनाव का असर पूर्वी सिंहभूम जिले में बसों के परिचालन पर दिखने लगा है. चुनाव कार्य के लिए प्रशासनिक और राजनीतिक दलों की ओर से बसें लिए जाने से सड़कों से बसें गायब हो गयी हैं. जिसका सीधा असर बस यात्रियों की जेब पर पड़ने लगा है. जेपी सेतु बस स्टैंड भुइयांडीह से घाटशिला, पटमदा, चांडिल और चाईबासा बस स्टैंड से हाता चौक तक ऑटो, मैक्सी, मैजिक वैन दौड़ने लगी हैं. इससे सफर करने के लिए यात्रियों को डबल किराया चुकाना पड़ रहा है. पटमदा, घाटशिला सहित अलग-अलग रूटों पर यात्रा करने वाले यात्रियों ने बताया कि घर से निकल गये हैं, तो उन्हें हर हाल में अपने गंतव्य तक पहुंचना ही है. इसके लिए किसी भी तरह के साधन में जाने के लिए तैयार हैं. बसस्टैंड में यात्रा करने वाले यात्रियों में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के दिखें. अगर आप 22 से 25 मई के बीच ट्रैवल प्लान तय कर रहे हैं तो अभी से प्लान बना लें. क्योंकि 22 मई से 25 मई के बीच जेपी सेतु बस पड़ाव से राज्य के अंदर सभी जिलों और बंगाल, ओड़िशा, राज्यों के विभिन्न मांगों पर यात्री बसे बंद होने से लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था करना होगा. वहीं छोटे वाहन भी यात्रियों को नसीब नहीं होंगे. ऐसे में मुसाफिरों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
इन रूटों पर दिखने लगा असर, दौड़ने लगीं ऑटो
घाटशिला, पटमदा सहित अन्य लोकल मार्गों पर रविवार से ही ऑटो दौड़ने लगी हैं. रविवार को जेपी सेतु बस स्टैंड भुइयांडीह से घाटशिला के लिए ऑटो चालक प्रति यात्री 150 और पटमदा मार्ग पर 50 रुपये से लेकर 100 रुपये तक वसूल रहे हैं. चुनाव के पहले ही पटमदा, चाईबासा, घाटशिला, बहरागोड़ा, रांची, धनबाद, बोकारो आदि मार्गों पर यात्रियों की परेशानी दिखने लगी है. इसके अलावा शहर के अंदर मिनी बसों पर भी इसका असर दिख रहा है. चुनावी सभा की वजह से रविवार को एक्का- दुक्का ही बसें चलीं. 21 को चुनावी सभा के कारण मिनी बसें नहीं चलेंगी. 22 मई को चुनाव कार्य के लिए मिनी बसों को जमा करने का आदेश जिला प्रशासन ने दिया है. इस दौरान शहर के अंदर जहां इस दौरान यात्रियों के पास लोकल में केवल ऑटो ही सहारा होगा. वहीं आस-पास के क्षेत्रों में ऑटो, मैक्सी, मैजिक वैन सहारा होगा.
25 तक बंद रहेंगी लंबी, लोकल दूरी की बसें
शहर के अंदर और आस-पास के लोकल मार्गों पर बसों का असर रविवार से ही दिखने लगा है. जमशेदपुर लोकसभा चुनाव के दौरान चार दिनों तक यात्री बस सेवा पूरी तरह ठप रहेंगी. पहले 22 मई को यात्री बसों का अधिग्रहण किया जायेगा. इसके बाद 25 मई को देर रात तक यात्री बसें मतगणना स्थल से रिलीज होंगी. चुनाव से संबंधित कार्यों के लिए यात्री बसों के अधिग्रहण के कारण 22 मई से 25 मई तक यात्री बसें नहीं चलेंगी. इस दौरान टाटा मोटर्स सहित शहर के तमाम कंपनियों की बसें भी नहीं चलेंगी. शहर की विभिन्न कंपनियों के बसों का अधिग्रहण होने के कारण 3 दिनों तक बंद रहेंगे. फैक्ट फाइल मार्ग प्रतिदिन चलती है बसे— वर्तमान में चल रहीं बसेंटाटा से रांची – 30 — 20
टाटा से घाटशिला — 25 — 15टाटा से चाईबासा — 70 — 22
टाटा से बोकारो, धनबाद — 40 — 16टाटा से पटमदा — 10 — 03
टाटा से कटक, भुवनेश्वर, — 16 — 10टाटा से रायरंगपुर – 09 — 03
टाटा से कोलकाता — 01– 01 बिहार जाने वाली बसों की स्थिति :विभिन्न मार्गों पर प्रतिदिन चलती है बसे— वर्तमान में चल रही बसें
पटना — 07 — 05मोतीहारी, मुजफ्फरपुर – 04 – 03
दरभंगा — 04 — 03सीवान, छपरा — 05 — 04
बिहारशरीफ, नवादा — 06– 05गया, जहानाबाद — 05 — 04
आरा, बक्सर — 10 — 08भागलपुर, पूर्णिया — 04- 04 —————–
308 चार पहिया और 347 बसों समेत कुल 655 वाहनों की जरूरतविधानसभा पोलिंग पार्टी बस सेक्टर मजिस्ट्रेटबहरागोड़ा-43-38
घाटशिला-54-39पोटका 59 — 34
जुगसलाई 67— 53जमशेदपुर पूर्वी 58 — 29
जमशेदपुर पश्चिम 66 — 33कुल वाहन 347 — 226 — 573
——–फ्लाइंग स्क्वाड 36
चुनाव ऑर्ब्जवर 06अन्य सेल व अन्य 40
कुल वाहन 655——-
बस (40 व 50 सीट), मिनी बस (23 सीट), मैक्सी, विंगर, छोटी कार (सामान्य व वातानुकूलित), बोलेरो, सूमो, मार्शल, जाइलो, स्कॉर्पियो, क्वालिस, इनोवा, सफारी आदि.क्या कहते हैं बस संचालक
चुनाव की वजह से यात्रियों की संख्या कम हो गयी है. लग्न भी आस-पास नहीं है. बस संचालकों को नुकसान हो रहा है. लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व के लिए बस संचालक 22 को बसें जमा कर देंगे.
-मृत्युंजय सिंह, बस संचालक बिहार——
चुनाव का सबसे ज्यादा असर चाईबासा, धनबाद, बोकारो और बंगाल मार्गों पर पड़ा है. कई मार्गों पर आम दिनों की अपेक्षा कम बसें चल रही हैं और यात्री भी काफी कम हैं.-अजय सिंह, बस संचालक, पुरुलिया बस स्टैंड
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