जमशेदपुर.
महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल (एमजीएम) अस्पताल के इमरजेंसी के ड्रेसिंग रूम के छत का प्लास्टर रविवार को दोपहर में अचानक गिर गया. यह संयोग था कि कुछ मिनट पहले ही एक घायल वहां से निकला था. इस कारण कर्मचारी और घायल मरीज हादसे का शिकार होने से बच गये. एमजीएम अस्पताल में प्लास्टर गिरने की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी छज्जा और प्लास्टर गिरने की कई घटनाएं घट चुकी है. हालांकि उस दौरान किसी को चोट नहीं लगी थी. छज्जा गिरने से कुछ गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गयी थी. इधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि 425 करोड़ की लागत से एमजीएम अस्पताल का नया भवन बन रहा है. पुराने भवन को तोड़ा जाना है, जिसके कारण मरम्मत नहीं करा रहे हैं.
कर्मचारियों के बीच भय का माहौल
एमजीएम में आये दिन प्लास्टर और छज्जा टूट कर गिरने से कर्मचारियों के बीच भय का माहौल है. कर्मचारियों का कहना है कि कभी प्लास्टर, तो कभी छज्जा गिरने के कारण काम करने के दौरान हमेशा डर लगा रहता है. वहीं मरीजों और परिजनों का आना-जाना लगा रहता है. इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इससे पहले 13 जनवरी 2024 को कैदी वार्ड की दीवार ढह गयी थी. हालांकि किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ था. 14 जुलाई 2023 एमजीएम अस्पताल की सर्जिकल बिल्डिंग का बाहरी छज्जा गिर गया था. रविवार की घटना के बाद से कर्मचारियों और लोगों में दहशत है.