वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
बागबेड़ा तेजाब नाला व स्लुइस गेट के आसपास अतिक्रमण को रोकने के लिए बुधवार को अंचल कार्यालय के कर्मचारियों की टीम ने नाला की जमीन की मापी की. मापी में पाया गया कि तेजाब नाला की जमीन पर कहीं 10 फीट, कहीं 15 फीट, तो कहीं 20 फीट तक अतिक्रमण कर लिया गया है. वहीं मापी के क्रम में पता चला कि स्लुइस गेट के पास नाले की जमीन को अतिक्रमण कर दो प्लॉट को चहारदीवारी बनाकर घेर लिया गया है.नाला की जमीन को चिह्नित कर सीमांकन किया
गुरुवार को अंचल कार्यालय के अमीन ने नाला की जमीन को चिह्नित कर सीमांकन कर दिया है. साथ ही लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे नाला की जमीन पर रखे बालू समेत अन्य चीजों को अविलंब हटा ले, ताकि नाला के चौड़ीकरण करने दौरान किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो. नाला की जमीन को मापी करने के दौरान अंचल कार्यालय के अमीन स्टीफन सोरेन व स्थानीयों में पूर्व जिला परिषद सदस्य किशोर यादव, प्रवीण सिंह, सुनील मिश्रा, गोपाल ओझा, आरबी राय, राजकुमार, संजय कुमार, रितेश सिंह, श्रीमन मिश्रा, नितिन तिवारी, अशोक कुमार, चंदन कुमार, अमर सिंह समेत अन्य मौजूद थे.
जमीन को चिह्नित करने के बाद अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की गयी थी
जानकारी के अनुसार पिछले 15 जून को बागबेड़ा रिवर व्यू सोसाइटी व नयी बस्ती के लोगों ने अंचल कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया था. साथ ही अंचलाधिकारी मनोज कुमार से वार्ता कर नाला की जमीन को चिह्नित करने के बाद अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की थी, तब बस्तीवासियों के भारी विरोध को देखते हुए अंचलाधिकारी ने नाला की जमीन को सीमांकन करने की तिथि 20 जून को तय कर दिया था.बस्तीवासियों में क्या है विरोध का कारण
अतिक्रमण की वजह से नाले की चौड़ाई कम हो गयी है. जिसकी वजह जब बारिश होती है, तो समूचे बागबेड़ा व कीताडीह क्षेत्र के पानी नदी की ओर जाने के बजाय नयी बस्ती के निचले इलाकों के सैकड़ों घरों में घुस जाता है. समूचा नया बस्ती जलमग्न हो जाता है. बाढ़ जैसी हालत हो जाती है. बरसात का मौसम सामने है, इसको देखते हुए बस्तीवासियों में भय का माहौल था. नतीजतन रिवर व्यू सोसाइटी व नयी बस्ती के लोगों ने अंचल कार्यालय में जाकर विरोध-प्रदर्शन किया था.
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