टाटा स्टील में कर्मचारियों व अधिकारियों पर खर्च बढ़े, महिलाओं की नियुक्ति भी बढ़ी
टाटा स्टील का जैसे-जैसे विस्तार हुआ है, वैसे-वैसे कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ी है. जाहिर सी बात है कि कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों के वेतन और उस पर होने वाले खर्च भी बढ़े हैं. इसके तहत बीते वित्तीय वर्ष में 7220.74 करोड़ रुपये कर्मचारियों के बेनीफिट पर खर्च किये गये थे.
कर्मियों पर टाटा स्टील ने इस साल खर्च किये 7402.31 करोड़ रुपये
कंपनी में काम छोड़ने वाले कर्मचारियों की भी संख्या बढ़ी
जमशेदपुर :
टाटा स्टील का जैसे-जैसे विस्तार हुआ है, वैसे-वैसे कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ी है. जाहिर सी बात है कि कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों के वेतन और उस पर होने वाले खर्च भी बढ़े हैं. इसके तहत बीते वित्तीय वर्ष में 7220.74 करोड़ रुपये कर्मचारियों के बेनीफिट पर खर्च किये गये थे. वहीं, इस साल 7402.31 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. कंपनी की ओर से जारी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा स्टील के कर्मचारियों की उत्पादकता (प्रोडक्टिविटी) 900 टन क्रूड स्टील प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष हो चुकी है. वहीं, महिला और ट्रांसजेंडर कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 19.2 फीसदी हो चुकी है. 2025 तक इसको 20 फीसदी से अधिक किया जाना है.इस साल 3821 नये कर्मियों को हुई इंट्री, ट्रेनिंग पर खर्च हुये 240 करोड़
टाटा स्टील के कुल मैनपावर की बात की जाये तो वर्तमान में कर्मचारियों की कुल संख्या सारे प्लांट मिलाकर 43263 हो गयी है, जो पिछले साल 36151 थी. वहीं, इस साल 3821 नये कर्मचारियों की इंट्री हुई है. महिलाओं की संख्या 8 फीसदी हो चुकी है, जो पहले 7.6 फीसदी थी. कुल महिला वर्कफोर्स मैनेमजेंट के पोजिशन में 11.3 फीसदी है. कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा स्टील ने ट्रेनिंग पर 240 करोड़ रुपये खर्च किये हैं, जो पिछले साल 193 करोड़ रुपये थी. इस बार की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आयी है कि इस साल 2.8 फीसदी कर्मचारियों ने कंपनी छोड़ी है. हालांकि, वित्तीय वर्ष 2020-2021 में कंपनी छोड़ने वाले कर्मियों की संख्या 1.2 फीसदी थी. 2021-2022 में 2.0 फीसदी और वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 2.7 फीसदी थी.
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