जमशेदपुर : चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर उनकी ससुराल राजनगर क्षेत्र के रिचितुका गांव में भी जश्न का माहौल है. पोटका के बालीडीह गांव में उनके मामा का घर है. वहां भी खुशी की लहर है. उनके मामा घर के लोगों ने बताया कि चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने से वे लोग काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि चंपई सोरेन का बचपन का कुछ समय बालीडीह में गुजरा है. वे यहीं रहकर टाटा-हाता मेन रोड स्थित गितिलता सरकारी स्कूल में पढ़ाई करते थे. बाद में आगे की पढ़ाई के लिए बिष्टुपुर एल रोड स्थित रामकृष्ण मिशन स्कूल चले गये.
चंपई सोरेन के करीबी रिश्तेदार महावीर मुर्मू ने बताया कि चंपई सोरेन आध्यात्मिक व्यक्ति हैं. जब कभी भी वे राजनीतिक उलझनों में उलझकर रह जाते हैं और खुद को अकेला पाते हैं, तब वह अपने आत्मिक व दिमागी शांति के लिए गांव में पाने जाहेरथान (सरना पूजा स्थल) चले जाते हैं. देवी-देवताओं के चरणों में माथा टेकते हैं और वहां कुछ समय रहने के बाद वापस आ जाते हैं.
आंदोलनकारी नेता से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले चंपई सोरेन की याददाश्त काफी मजबूत है. वे एक बार जिस कार्यकर्ता से मिलकर बातचीत कर लेते हैं, उसकी छाप हमेशा-हमेशा के लिए उनके दिलो-दिमाग में रहती है. दूसरी बार जब वे मिलते हैं, तो उसे नाम से पुकारते हैं.