गलवान घाटी में शहीद हुए पूर्वी सिंहभूम के लाल गणेश हांसदा की पहली शहादत दिवस, कुणाल ने राज्य सरकार पर लगाया आश्रितों की उपेक्षा का आरोप
Jharkhand News (जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम ) : भारत- चीन सीमा स्थित गलवान घाटी में पिछले साल संघर्ष के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत बहरागोड़ा स्थित कोशाफलिया गांव के लाल गणेश हांसदा को उनके प्रथम शहादत दिवस पर लोगों ने याद किया. बहरागोड़ा के वीर सपूत को श्रद्धासुमन अर्पित करने बुधवार सुबह पूर्व विधायक सह भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी कोशाफलिया स्थित शहीद के घर पहुंचें. उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर देश के प्रति उनके योगदान को याद किया.
Jharkhand News (जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम ) : भारत- चीन सीमा स्थित गलवान घाटी में पिछले साल संघर्ष के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत बहरागोड़ा स्थित कोशाफलिया गांव के लाल गणेश हांसदा को उनके प्रथम शहादत दिवस पर लोगों ने याद किया. बहरागोड़ा के वीर सपूत को श्रद्धासुमन अर्पित करने बुधवार सुबह पूर्व विधायक सह भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी कोशाफलिया स्थित शहीद के घर पहुंचें. उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर देश के प्रति उनके योगदान को याद किया.
इस दौरान कुणाल षाड़ंगी ने वीर सपूत को जनने वाले शहीद गणेश हांसदा के माता-पिता के चरण छूकर आशीर्वाद लिया. उन्हें अंगवस्त्र भेंटकर सम्मान दिया. शहीद परिवार के प्रति झारखंड सरकार की उदासीनता पर कुणाल षाड़ंगी जमकर बरसें. गणेश हांसदा की शहादत के एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी सरकारी वायदे अबतक अधूरे हैं. आश्रित को नौकरी, पांच एकड़ भूमि व पीएम आवास देने का वायदा ठंडे बस्ते में है. सरकार के मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक के वायदे भी हवा हो गये.
पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि शहीदों के प्रति मौजूदा झारखंड सरकार की प्रतिबद्धता शून्य है. एक ओर जहां केंद्र सरकार ने प्राथमिकता से सारे वायदों को पूरा किये हैं, वहीं झारखंड सरकार के स्तर से उपेक्षा और अकर्मण्यता का प्रतिफल शहीद गणेश का परिवार चुपचाप झेल रहा है. जिस वीर बेटे ने सीमा पर दुश्मन से लोहा लिया, उनका परिवार राज्य में अपनी ही सरकार की उपेक्षा से हार गया.
भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि स्थानीय जन प्रतिनिधियों से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री तक कि जिम्मेदारी थी कि प्राथमिकता से शहीद गणेश हांसदा के परिवार को किये वायदे को जल्द पूरे थे, लेकिन चुनावी जुमले की तरह ही शहीद के परिवार को भी झूठे वायदे कर दिये गये.
उन्होंने पूर्वी सिंहभूम डीसी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस मामले को संज्ञान लेकर शहीद गणेश हांसदा के परिवार से किये गये वादे को जल्द पूर्ण करने की दिशा में पहल करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ऐसी क्या मजबूरियां रही कि शहीद के परिवार को एक अदद गैस का कनेक्शन तक नहीं मिल पाया.
शहीद के 70 वर्षीय पिता सुखदा हांसदा अबतक वृद्धा पेंशन से वंचित हैं. शहीद की ऐसी उपेक्षा होगी तो कोई मां अपने बेटे को बॉर्डर पर नहीं जाने देंगी. प्रथम बलिदान दिवस के मौके पर कोशाफलिया गांव में नयी जिंदगी, जमशेदपुर और वीबीडीए के संयुक्त तत्वावधान में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ.
Posted By : Samir Ranjan.