जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति एरिया में साल 2017 के बाद नक्शा पास भवनों की फाइल फिर से खुलेगी. जांच में देखा जायेगा कि भवनों का निर्माण पारित नक्शा के अनुसार हुआ है या नहीं. नक्शा विचलन पाये जाने पर भवन मालिकों पर बिल्डिंग बायलॉज के तहत कार्रवाई की जायेगी.
जमशेदपुर अक्षेस के उप प्रशासक सह धालभूम एसडीओ पीयूष सिन्हा ने भवनों की जांच के लिए पांच टीम गठित की है. टीम को सभी नक्शा पास भवनों की स्टेटस रिपोर्ट तीन दिन के अंदर स्थल निरीक्षण कर देने को कहा है.
आगामी 27 सितंबर को सिदगोड़ा टाउन हॉल में पीएम स्वनिधि योजना के लिए कैंप लगेगा. पीएम स्वनिधि योजना के तहत फुटपाथी दुकानदार 10 हजार रुपये लोन ले सकते है.
जमशेदपुर अक्षेस ने सात साल में मकान, फ्लैट और प्रतिष्ठान बनाने के लिए 657 नक्शा पास किये हैं. इस दौरान कुल 866 आवेदन आये, जिसमें 147 को अस्वीकृत कर दिया. झारखंड बिल्डिंग बायलॉज 2016 के प्रावधान के अनुसार, नये निर्माण के लिए नक्शा नगर निकायों से पास कराना अनिवार्य है. पिछले सात सालों में जेएनएसी के पास ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के लिए मात्र 13 ही आवेदन आये.
जिसमें 09 को ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जेएनएसी की ओर से जारी किये गये. जबकि 2 आवेदन को झारखंड बिल्डिंग बायलॉज 2016 के प्रावधान के अनुसार निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से अस्वीकृत कर दिया गया. जेएनएसी के चयनित आर्किटेक्ट सिर्फ नक्शा पास करवाते हैं. उसके बाद ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के लिए आवेदन नहीं करते है.