वनों का विकास और रोजगार प्राथमिकता : डीएफओ
जमशेदपुर फॉरेस्ट डिवीजन के नये डीएफओ शबा आलम अंसारी ने पदभार संभाल लिया. श्री अंसारी दूसरी बार जमशेदपुर के डीएफओ बने हैं. उनकी पहली पोस्टिंग बतौर डीएफओ वर्ष 2015 में हुई थी.
जमशेदपुर के डीएफओ शबा आलम ने पदभार संभाला
जमशेदपुर :
जमशेदपुर फॉरेस्ट डिवीजन के नये डीएफओ शबा आलम अंसारी ने पदभार संभाल लिया. श्री अंसारी दूसरी बार जमशेदपुर के डीएफओ बने हैं. उनकी पहली पोस्टिंग बतौर डीएफओ वर्ष 2015 में हुई थी. उन्होंने ममता प्रियदर्शी से यह पदभार संभाला. ममता प्रियदर्शी का वन संरक्षक के तौर पर प्रोमोशन हो गया है. उनको हजारीबाग का वन संरक्षक बनाया गया है. उन्होंने अपना विधिवत प्रभार शबा आलम अंसारी को सौंपा. सबा आलम ने कहा कि उनकी यह दूसरी पोस्टिंग है. पहली बार उनको डीएफओ के तौर पर वर्ष 2015 में भेजा गया था. उस दौरान साढ़े तीन साल तक काम करने का अवसर मिला. यह काफी मान-सम्मान वाला वन क्षेत्र है. यहां 890 वर्ग किलोमीटर का वन क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता होगी कि वन क्षेत्र की सुरक्षा और संवर्धन किया जाये. वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाये. ग्रामीणों का सहयोग लेकर लोगों को जागरूक किया जाये, ताकि वनों की सुरक्षा हो सके. गौरतलब है कि जमशेदपुर का डीएफओ का यह डिवीजन 1936 में स्थापित हुआ था. यहां पहले धालभूम डीएफओ का पद होता था, लेकिन 2013 में सरकार ने इसको जमशेदपुर वन प्रमंडल घोषित किया.जमशेदपुर से काफी प्यार और अपनापन मिला : ममता
वन संरक्षक के पद पर प्रमोशन पाने वाली ममता प्रियदर्शी ने बताया कि जमशेदपुर से काफी प्यार और अपनापन मिला है. यह ऐसा डिवीजन है, जहां के अधिकारी खुद से वन क्षेत्र से अटैच हो जाते हैं. चार साल देखते ही देखते गुजर गया. उन्होंने बताया कि सारे गेस्ट हाउस को बनाया गया है. सारे पार्क को तैयार किया गया है. काजू के जरिये लोगों को रोजगार से जोड़ा गया. हमारा कार्यकाल काफी संतोषजनक रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है