Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में स्वीकृत जनहित की योजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव को भी भेजी है. श्री दास ने हेमंत सरकार पर उनके मुख्यमंत्रित्व काल की योजनाओं को नजरअंदाज करने पर अफसोस प्रकट करते हुए लिखा है कि सरकारें आती-जाती हैं, लेकिन राज्य में विकास की गाड़ी अनवरत चलती रहती है. यही विकास धर्म है. इसी में जनहित है.
पूर्व सीएम रघुवर दास ने वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र
सीएम हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में पूर्व सीएम रघुवर दास ने जिक्र किया कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कई योजनाओं को धरातल पर लाने की हरसंभव कोशिश की गयी. इनमें से कुछ योजनाएं पूरी हो गयी, तो कुछ निर्माणाधीन रह गयीं. ऐसी निर्माणाधीन योजनाओं को पूरा करने तथा प्रभावी क्रियान्वयन का दायित्व वर्तमान सरकार पर है, लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि इस मामले में उनकी सरकार ने पूरी मुस्तैदी नहीं दिखायी. नतीजा यह हुआ कि योजनाएं कब तक पूरी होंगी कहा नहीं जा सकता.
पीएम आवास योजना के तहत नहीं बन रहे भवन
पूर्ववर्ती सरकार की लंबित योजनाओं के बारे में रघुवर दास ने कहा कि सबसे बड़ा प्रमाण प्रधानमंत्री आवास योजना का बड़े पैमाने पर लंबित होना है. जमशेदपुर की बात करें, तो लगभग 10 हजार आवास इकाई का निर्माण होना है, उनमें बड़ी संख्या में निर्माण अधूरे पड़े हैं अथवा प्रारंभ ही नहीं हुए हैं.
खंडहर में तब्दील हो गयी जमशेदपुर इंजीनियरिंग प्रोफेशनल कॉलेज
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पत्र में जमशेदपुर इंजीनियरिंग प्रोफेशनल कॉलेज की चर्चा करते हुए कहा गया कि इस कॉलेज की इमारत वर्ष 2019 में बनकर तैयार हो गयी थी, आज यह भव्य इमारत आज खंडहर में तब्दील हो चुकी है. करोड़ों की लागत से बने इस भवन में कुल 240 इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को अध्ययन करना था. वर्ष 2021 के जुलाई महीने में इस कॉलेज में 120 कंप्यूटर साइंस, 60 मैकेनिकल इंजीनियरिंग और 60 मेटालॉजिकल विद्यार्थियों के नामांकन की मान्यता अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) द्वारा दी गयी थी. एआइसीटीइ की मान्यता आते-आते कॉलेज भवन खंडहर बन चुका था. जमशेदपुर के इंजीनियरिंग प्रोफेशनल कॉलेज के संचालन में आये व्यवधान के कारण कॉलेज प्रारंभ नहीं होने को कारण बताया गया, लेकिन करोड़ों के भवन के खंडहर होने की चर्चा नहीं की गयी.
सिग्नेचर ब्रिज की चर्चा
इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर की अन्य लंबित योजनाओं में भुइयांडीह में सिग्नेचर ब्रिज- भुइयांडीह लिट्टी चौक से भिलाई पहाड़ी तक सिग्नेचर ब्रिज बनाया जाना है, को पूरा करने की मांग की है. साढ़े चार किलोमीटर लंबा यह ब्रिज सुवर्णरेखा नदी पर बनेगा. इसके तैयार होने पर कंपनियों से निकलने वाली गाड़ियां शहर में प्रवेश किये बिना एनएच-33 पर निकल जायेंगी.
एनएच-33 से जोड़ने की योजना पर कार्य जारी
वहीं, रांची-बहरागोड़ा एनएच-33 से जोड़ने की योजना पर काम जारी है. लुआबासा व चांदनी चौक होते हुए एनएच-33 को जोड़ने का काम प्रगति पर है. गोविंदपुर अन्ना चौक से छोटा गोविंदपुर तक एलिवेटेड कॉरिडोर (हैंगिंग ब्रिज) का निर्माण होगा. इसके बन जाने से टेल्को क्षेत्र के लोगों को घाटशिला की ओर जाने में काफी सहूलियत हो. टाटा मोटर्स से निकलने वाले वाहन अब सीधे एनएच-33 पर निकलेंगे, जिससे शहर में जाम नहीं लगेगा. लुआबासा में सुवर्णरेखा नदी पर भी ब्रिज का निर्माण कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
अन्य योजनाओं का जिक्र
पूर्व सीएम रघुवर दास ने अपने पत्र में अन्य योजनाओं का भी जिक्र किया. इसके तहत कीताडीह-बागबेड़ा रिंग रोड. इसके लिए सर्वे का कार्य पूरा हो गया है, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है. रिंग रोड स्टेशन, घाघीडीह, कीताडीह, बागबेड़ा लाल बिल्डिंग होते हुए बनाया जायेगा, जिससे हजारों लोगों के आवागमन में सुविधा होगी.