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दुष्कर्म व मारपीट के आरोपी पूर्व न्यायिक दंडाधिकारी व पत्नी को कोर्ट से नहीं मिली राहत

एडीजे-2 आभाष वर्मा की कोर्ट ने गुरुवार को जमशेदपुर के पूर्व आरोपी न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार और उनकी पत्नी शीतल नागले की अग्रिम जमानत खारिज कर दी.

5 मई 2024 को घर काम करने वाली महिला ने दुष्कर्म, गर्भपात व मारपीट का आरोप लगा किया था केस

जमशेदपुर :

एडीजे-2 आभाष वर्मा के कोर्ट ने गुरुवार को जमशेदपुर के पूर्व न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार और उनकी पत्नी शीतल नागले की अग्रिम जमानत खारिज कर दी. कोर्ट में पीड़िता की ओर से अधिवक्ता रंजना मिश्रा ने बहस की थी. मालूम हो कि 20 दिन पूर्व 5 मई 2024 को जमशेदपुर के न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार के घर काम करने वाली महिला ने दुष्कर्म, गर्भपात व मारपीट करने का आरोप लगाते हुए नामजद केस दर्ज करायी थी. इधर, पीड़िता की अधिवक्ता रंजना मिश्रा ने बताया कि न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार ने शादीसुदा होने के बावजूद दूसरी शादी की. शादी करने के बाद पीड़िता के साथ मारपीट कर गर्भपात कराया. दूसरी शादी व मारपीट का विरोध करने पर महिला के साथ दुर्व्यवहार करना, प्रताड़ित करना व अंत में पीड़िता को जान से मारने की धमकी देने को कानून और सभ्य समाज माफ नहीं करेगा. अधिवक्ता रंजना मिश्रा ने बताया कि समाज में इस तरह का काम करने वाले न्यायिक दंडाधिकारी को सजा मिलनी चाहिए, ताकि पीड़िता को इंसाफ मिल सके.

पीड़िता के बयान पर जमशेदपुर कोर्ट के तत्कालीन न्यायिक दंडाधिकारी नरेंद्र कुमार यादव और पत्नी शीतल के खिलाफ भादवि की धारा 376 (2) (एन), 313, 498 ए, 494, 504, 506 और 34 के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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