जमशेदपुर के कदमा गणेश पूजा मेला में प्रशासन के नाक के नीचे हर साल होता है अवैध वसूली का खेल
कदमा के गणेश पूजा मेला में प्रशासन के नाक नीचे से अवैध वसूली का खेल होता है. ये खेल नया नहीं है. एक दशक पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष केजे राव के कार्यकाल में भी मेला लगाने के लिए छह लाख का ठेका दिया गया था.
जमशेदपुर : कदमा में लगभग ढाई एकड़ में लगने वाले गणेश मेला में प्रशासन की नाक के नीचे दुकानदारों से अवैध वसूली का खेल नया नहीं है. एक दशक पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष केजे राव (अब मृत) के कार्यकाल में भी मेला लगाने के लिए 250-300 रुपये प्लाॅट के हिसाब से छह लाख का ठेका सोनारी निवासी सह कांग्रेसी नेता भरतमणि सिंह (अब मृत) को दे दिया गया था.
तब भरतमणि सिंह ने एक सप्ताह में ही छह लाख रुपये दुकानदारों से स्थान के बदले वसूल कर पूजा कमेटी को दिया था. उस समय पहली बार मेला में दुकान-ठेला के लिए स्थान देने में वसूली का खुलासा हुआ था. एक सप्ताह में ही भरतमणि सिंह ने आठ लाख की वसूल की थी. एक सप्ताह में दो लाख की कमाई करने वाले भरतमणि ने पूजा कमेटी को हर साल ठेका देने के लिए राजी कर लिया था.
इसकी जानकारी मिलते ही धातकीडीह के शराब माफिया बच्चू घोष (अब मृत) ने दावेदारी करते हुए बोली दस लाख बढ़ा दी थी. उसने मेला का ठेका लेने के लिए पैसे के साथ राजनीतिक और प्रशासनिक ताकत भी लगा दिया था. तब दो पक्षों में टकराव को देखते हुए तत्कालीन अध्यक्ष ने इस तथाकथित वसूली का टेंडर देने के निर्णय को बदलते हुए कमेटी के लोगों द्वारा ही स्थान देने की परंपरा शुरू की थी. तब से हर साल अलग-अलग व्यक्ति को मेला प्रभारी बनाकर शांति से अवैध वसूली खेल चल रहा है.
यह भी हुआ था :
मेला में जमीन पर दुकान लगाने के लिए ठेका देने का खुलासा होने पर दूसरे साल भरतमणि सिंह के मुकाबले में धातकीडीह के शराब माफिया बच्चू घोष ने 10 लाख की बोली लगा दी थी. दो पक्षों में विवाद बढ़ने पर कमेटी ने वसूली का अधिकार देने का सिस्टम बंद कर दिया. तब भरतमणि सिंह ने पूजा कमेटी द्वारा मेला जमीन से की जाने वाली वसूली की पोल खोल दी थी.