जमशेदपुर कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग मामले में गैंगस्टर अखिलेश सिंह बरी, 16 साल पुराने मामले में अदालत ने सुनाया फैसला

दुमका जेल में बंद गैंगस्टर अखिलेश सिंह एक और चर्चित केस में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया.

By Kunal Kishore | April 22, 2024 3:59 PM
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जमशेदपुर, कुमार आनंद : एडीजे-4 न्यायाधीश आनंदमणि त्रिपाठी के कोर्ट ने जमशेदपुर कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग के केस में दुमका जेल बंद में जमशेदपुर के गैंगस्टर अखिलेश सिंह को पर्याप्त साक्ष्य केअभाव में बरी करने का फैसला सुनाया है. केस में अनुसंधान पदाधिकारी समेत कुल 22 लोगों की गवाही हुई थी. लेकिन केस में गैंगस्टर अखिलेश सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 307, 120 बी,आर्म्स की धारा साबित नहीं हो सकी. इस केस में आरोपी रहे आरोपी बंटी जायसवाल, रितेश राय, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह के खिलाफ अलग से सुनवाई चल रही है. हालांकि उक्त केस में अनुसंधान पदाधिकारी समेत सभी 22 लोगों की गवाही पूरी हो चुकी है.

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि 16 साल पूर्व 19 मार्च 2008 को साकची थाना अंतर्गत उत्पाद कार्यालय के समीप जमशेदपुर कोर्ट के पूर्व जज आरपी रवि पर गैंगस्टर अखिलेश सिंह के गुर्गों ने फायरिंग की थी. गोली उनके छाती,पैर, कान के पास में गोली लगी थी. घटना के बाद उनकी पत्नी ने इलाज के लिए टेंपो में टीएमएच पहुंचा था. बताया जा रहा है साकची जेल के तत्कालीन जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में तत्कालीन जज आरपी रवि ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी थी, उक्त फैसले से नाराज गैंगस्टर अखिलेश सिंह ने जज से बदला लेने के नीयत से उनके गुर्गों ने फायरिंग करवायी थी, यह फायरिंग उस वक्त हुई जब घर से बाहर निकल सड़क पर निकले थे.

किन लोगों पर है आरोप

घटना के बाद पुलिस ने गैंगस्टर अखिलेश सिंह, सुधीर दुबे, बंटी जायसवाल, नितेश, पप्पू सिंह, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू को आरोपी बनाते हुए केस किया था. कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर अधिवक्ता प्रकाश झा, अधिवक्ता विद्या सिंह ने पक्ष रखा. जबकि आरोपी गैंगस्टर अखिलेश सिंह वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से जुड़े थे.

एक और केस में गैगस्टर अखिलेश सिंह बरी हुए

दुमका जेल में बंद गैंगस्टर अखिलेश सिंह एक और चर्चित केस में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी हुआ. इसमें जज आरपी रवि फायरिंग के केस अलावा साकची श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे हत्याकांड, ट्रांसपोर्टर उपेंद्र शर्मा हत्याकांड, टाटा स्टील के सुरक्षा पदाधिकारी जयराम सिंह हत्याकांड, बिरसानगर श्रृष्टिगार्डन बेनामी संपत्ति केस, सिदगोड़ा समेत शहर के कई थाना में पकड़े गये हाइवा, ट्रेलर व अन्य गाड़ियों के केस में बरी हो चुकी है.

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