जमशेदपुर, श्याम झा. घाघीडीह केंद्रीय कारागार में बंद कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है. जेल से निकलने के बाद कैदी अपराध की दुनिया से मुंह मोड़कर जीवन-यापन कर सकेंगे. इसके लिए तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है. फिलहाल 45-45 की संख्या में तीन बैच के कैदियों को प्लंबर, इलेक्ट्रिकल और सोलर रिपेयरिंग की ट्रेनिंग दी जा रही. जेल प्रशासन इस दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए कैदियों के लिए अंग्रेजी और कंप्यूटर ट्रेनिंग की क्लास प्रारंभ करने जा रहा है. इसके लिए टाटा स्टील के सहयोग से चलंत कंप्यूटर लैब की स्थापना होने जा रही है. इसके तहत एक बस में 25 से 30 कंप्यूटर लगाकर जेल के अंदर लैब का रूप दिया जायेगा. फिलहाल बस जेल परिसर के अंदर गेट के पास खड़ी रहेगी. जरूरत के अनुसर पड़ाव में परिवर्तन किया जा सकेगा.
कार व मोटरसाइकिल रिपेयरिंग की भी ट्रेनिंग
कैदियों को कंप्यूटर की बेसिक जानकारी के अलावा टैली, एक्सेल,एमएस वर्ड और डीटीपी का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके अलावा अंग्रेजी के अक्षर ज्ञान से लेकर इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स तक कराया जायेगा. इसके लिए जेल प्रशासन की ओर से विभिन्न शिक्षण संस्थानों से संपर्क किया गया है. जेल प्रशासन के अनुसार बंदियों को मई से कार व मोटरसाइकिल रिपेयरिंग की भी ट्रेनिंग दी जायेगी. इसके लिये प्रशिक्षक से संपर्क किया जा रहा है.
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मैट्रिक व इंटर का भराया गया फॉर्म
जेल प्रशासन के अनुसार जेल के कुछ कैदियों को दसवीं की परीक्षा देने की व्यवस्था करायी गयी है. इसके अलावा इंटर की पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है. करीब 45 कैदी इंटर और मैट्रिक की परीक्षाएं दे रहे हैं.
स्वावलंबी बन रहे कैदी
जेल अधीक्षक नरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि घाघीडीह केंद्रीय कारा में बंदियों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए तकनीकी प्रशिक्षण से लेकर कंप्यूटर और इंग्लिश ट्रेनिंग तक दिया जायेगा. चलंत कंप्यूटर लैब के लिये टाटा स्टील द्वारा सहयोग किया जा रहा है.