जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह : पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर शहर का कचरा अब बेकार नहीं होगा. इससे बिजली, गैस और तेल पैदा किये जाएंगे. इसके लिए तीन बायोमिथेनेशन, एक पायरोलिसिस एवं इंसिनरेशन प्लांट लगाये जायेंगे. वर्ष 2025 तक काम पूरा लिया जाएगा. इसे स्थापित करने के लिए टाटा स्टील ने टाटा स्टील यूआइएसएल (जुस्को) के साथ मिलकर वृहद कार्य योजना तैयार की है. जिस पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे. रिसाइक्लिंग पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा. इसके तहत जमशेदपुर और आसपास के कचरे के निष्पादन के लिए तीन बायोमिथेनेशन प्लांट लगाया जा रहा है. इसमें टाटा स्टील और जियाडा की संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी आदित्यपुर टोल ब्रिज कॉरपोरेशन लिमिटेड (एटीबीसीएल) पार्टनर के रूप में काम करेगा.
यहां लगेगा बायोमिथेनेशन प्लांट
बायोमिथिनेशन प्लांट लगाने के लिए भुइयांडीह छायानगर के खाली जमीन को चिह्नित किया गया है. इसमें 21.1 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां 10 टन कचरा का प्रतिदिन निष्पादन होगा. कचरा से बायो गैस का उत्पादन होगा. इसी तरह आदित्यपुर टोल ब्रिज के पास 20 टन प्रतिदिन की क्षमता वाला 27.7 करोड़ रुपये की लागत से एक बायोमिथेनेशन प्लांट स्थापित किया जा रहा है. गोलमुरी रामाधीन बगान के पास 10 टन प्रतिदिन का उत्पादन वाला बायोमिथेनेशन प्लांट लगेगा. इस पर 21.6 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे संयंत्र से कचरे के निस्तारण से बिजली व खाद बनाई जाएगी. यहां मिक्स आर्गेनिक वेस्ट से बिजली व बायो गैस का उत्पादन होगा.
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आदित्यपुर टोल ब्रिज के पास पायरोलिसिस प्लांट लगाया जायेगा आदित्यपुर टोल ब्रिज के पास पांच टन प्रतिदिन क्षमता वाला पायरोलिसिस प्लांट लगाया जायेगा. इसके जरिए प्लास्टिक, टायर को ईंधन तेल में परिवर्तित करती है. कच्चे माल को रिएक्टर में गर्म किया जाएगा. इससे यह कुछ तेल गैस उत्पन्न करेगा, इसके बाद तेल को गैस तरल तेल में परिवर्तित किया जायेगा. इसका इस्तेमाल वाहनों और मशीनों के संचालन में होगा. इसे बनाने में 10.6 करोड़ रुपये का खर्च आएगी. एक पांच टन प्रतिदिन क्षमता वाला इंसिनरेशन प्लांट भी लगाया जायेगा. इसपर 19.3 करोड़ खर्च होंगे. यह भी आदित्यपुर टोल ब्रिज के पास लगाया जायेगा. इससे एनर्जी पैदा किया जायेगा. थर्मल ट्रीटमेंट के जरिये इससे थर्मल पावर भी पैदा होगा. जिसके जरिए बिजली का विकल्प पैदा किया जा सकेगा. कचरा का विधिपूर्वक निस्तारण में भी इसकी अहम भूमिका रहेगी.