20 बटुकों ने माता-पिता के साथ की मंडप पूजा

twenty batuk (children) had taken part in upnayan saskar

By Prabhat Khabar News Desk | April 25, 2024 7:47 PM

फोटो— दूबेजी

ब्रह्मर्षि विकास मंच

अमल संघ सिदगोड़ा में सामूहिक उपनयन संस्कार शुरू

लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर

ब्रह्मर्षि विकास मंच की ओर से अमल संघ सिदगोड़ा में गुरुवार को छठा सामूहिक उपनयन संस्कार का श्रीगणेश हुआ. दोपहर 12 बजे मंडपाछादन हुआ. गीत-नाद के साथ मंडप निर्माण किया गया. इसमें वेदी निर्माण के साथ सत्यनारायण स्वामी की पूजा की गयी. 20 बटुकों ने अपने माता-पिता के साथ मंडप पर पूजा की.

सत्यनारायण पूजन के बाद मटकोर संस्कार शुरू हुआ. कहवां के पीअर माटी, कहां के कोदार हो/ कहवां के सात सुहागिन माटी कोड़े जास हे…, जैसे गीतों के बीच मटकोर हुआ. मंडप के आसपास ही मंत्रोच्चार के साथ मिट्टी कोड़कर लायी गयी. सभी मां बटुकों को आंचल ओढ़ाकर मटकोर करने ले गयी. साथ में दादी, फुआ, चाची व अन्य सगे-संबंधी थे, जो गीत गाती चल रही थी. उस माटी से मंडप लिपने की रस्म हुई.

आचार्य की देखरेख में हुआ संस्कार

जहानाबाद के हुलासगंज से आचार्य रंगेश शर्मा व पांच आचार्यों की देखरेख में स्वस्तिवाचन, संकल्प, मृतिकाहरण, स्तंभ पूजन, प्रधान कलश स्थापना, गौरी गणपति पूजन, सर्वतोभद्र सहित सभी वेदियों का पूजन, सत्यनारायण भगवान का पूजन, हल्दी, गोबर जनेऊ आयोजन संपन्न हुआ.

10 वर्ष के भीतर हो उपनयन संस्कार

अपराह्न सात बजे आचार्य रंगेश शर्मा ने संस्कार पर प्रवचन दिया. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के सोलह संस्कार में एक उपनयन है. बच्चों का उपनयन दस वर्ष के भीतर कर देना चाहिए. उपनयन के लिए यह अवस्था अच्छी मानी गयी है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और संस्कार कभी नहीं भूलना चाहिए. इसी से व्यक्ति का विकास होता है. अंत में भगवान की आरती उतारी गयी. रात्रि में भतखई का आयोजन हुआ. बटुक और परिजनों से बड़ी-भात आदि ग्रहण किया. दिनभर बटुक और उनके परिजन फलाहार पर रहे. मौके पर मंच के केंद्रीय अध्यक्ष राम प्रकाश पांडेय, महासचिव योगेंद्र मौआर व अन्य मौजूद रहे.

उपनयन आज

26 अप्रैल को सभी बटुकों का उपनयन पूर्वाह्न आठ बजे होगा. अपराह्न सात बजे प्रवचन और मंचीय कार्यक्रम होगा. इसमें मुख्य अतिथि सांसद विद्युत वरण महतो, विशिष्ट अतिथि विधायक सरयू राय, डॉ नागेंद्र सिंह, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी को आमंत्रित किया गया है. कार्यक्रम को सफल बनाने में विजय नारायण, संजीव ओझा, कृष्णनंदन सिंह, कामेश्वर तिवारी, ब्रजेश कुमार, कृष्णकांत, श्रीनिवास ठाकुर, गोपाल सिंह, रवींद्र पांडेय, अमरेंद्र, मुकेश, प्रमोद ठाकुर, मनोज ठाकुर व अन्य का योगदान रहा.

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