GST Scam: जमशेदपुर-वित्तीय अपराध की विशेष अदालत (न्यायाधीश सौदामणि सिंह) ने 55.66 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले के आरोपी स्क्रैप कारोबारी ज्ञानचंद्र जायसवाल उर्फ बबलू जायसवाल को मंगलवार की देर शाम 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में घाघीडीह सेंट्रल जेल भेज दिया. जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने ज्ञानचंद्र जायसवाल को फर्जी कंपनी बनाकर सरकार के राजस्व को चूना लगाने का आरोप लगाया. इसमें मेसर्स जय भोलानाथ कंपनी, मेसर्स मां शारदा इंडीवर, मेसर्स मेकर्स कास्टिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से 22.31 करोड़ रुपये, मेसर्स केदारनाथ ट्रैक्सीन, ज्ञानदीप आयरन प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स विभ्रान स्क्रैप कंपनी आदि कंपनी से 33.35 करोड़ का इनपुट टैक्ट क्रेडिट (आइटीसी) लेने का आरोप लगाया.
जीएसटी इंटेलिजेंस टीम ने कार्यालय से किया गिरफ्तार
जमशेदपुर की विशेष अदालत में भारत सरकार जीएसटी पैनल के अधिवक्ता संजीव रंजन बरियार और इंटेलिजेंस टीम के अधिकारी दिनेश चौहान ने पक्ष रखते हुए ज्ञानचंद्र जायसवाल और उनके द्वारा बनायी गयी फर्जी कंपनी व उसके नाम पर किए गए जीएसटी घोटाले से संबंधी दस्तावेज सौंपा. कोर्ट में बचाव पक्ष से अधिवक्ता प्रकाश झा ने कार्रवाई पर आपत्ति दर्ज की. उन्होंने कहा कि पांच करोड़ रुपये बकाया पर नोटिस में से एक करोड़ का भुगतान भी ज्ञानचंद्र जायसवाल कर चुके थे. बावजूद जीएसटी इंटेलिजेंस टीम ने उन्हें कार्यालय से गिरफ्तार किया.
आरोपी ने खुद को बताया बीमार
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जीएसटी इंटेलिजेंस टीम पर कार्यालय में टैक्स देने वाले कारोबारी को गिरफ्तार करने, शाम पांच बजे के बाद पूछताछ करने पर भी आपत्ति जतायी. इससे पूर्व करीब तीन बजे कड़ी सुरक्षा में जीएसटी इंटेलिजेंस जमशेदपुर की टीम ज्ञानचंद्र जायसवाल को कोर्ट व मेडिकल कराने के लिए एमजीएम अस्पताल लेकर पहुंची. ज्ञानचंद्र जायसवाल ने खुद को बीमार बताया था. कोर्ट में पेशी के दौरान तीन-चार लोगों के सहारे उन्हें कोर्ट में ले जाया गया. इधर, सुनवाई के बीच करीब पांच बजे जिला जज कोर्ट में बुलायी बैठक में वित्तीय विशेष कोर्ट के न्यायाधीश सौदामणि सिंह के शामिल होने के कारण कुछ देर सुनवाई रुकी रही. बैठक समाप्त होने के बाद पुन: वित्तीय विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई देर शाम करीब साढ़े सात बजे तक चली. न्यायाधीश सौदामणि सिंह ने आरोपी ज्ञानचंद्र जायसवाल को जेल भेजा. इधर, कोर्ट से आरोपी को कड़ी सुरक्षा में घाघीडीह सेंट्रल जेल भेजा गया.
जय भोलानाथ कंपनी में डमी डायरेक्ट बनाया
सुनवाई के दौरान जीएसटी इंटेलिजेंस टीम ने जय भोलनाथ कंपनी के डमी डायरेक्ट बनाने का दस्तावेज जमा किया. इसमें कंपनी के एक कर्मी ज्ञानचंद्र सरदार को डायरेक्टर बनाया गया था. एक के बाद एक फर्जीवाड़ा करने पर उक्त डायरेक्ट को गायब भी कर दिया गया, जबकि उक्त कर्मी के पिता ने थाने में उनके बेटे की गुमशुदगी का सनहा दर्ज किया. उक्त कर्मी के पिता ने थाने में बयान दिया कि उनका बेटा किसी कंपनी में डायरेक्ट नहीं है, बल्कि सामान्य कर्मचारी है. यह दस्तावेज भी जीएसटी इंटेलिजेंस ने कोर्ट को सुपुर्द किया.