Jamshedpur news.
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम मरीज मिलने पर उसका रक्त जांच के लिए पुणे लैब भेजा जायेगा. यह जानकारी सिविल सर्जन ने दी है. उल्लेख्यनीय है कि महाराष्ट्र, तेलंगाना सहित देश के कई राज्यों में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामले सामने आने के बाद झारखंड में भी अलर्ट जारी किया गया है. शुक्रवार को इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त अनन्या मित्तल, एमजीएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ डी हांसदा, सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल व उपाधीक्षक डॉ जुझार मांझी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे.इधर मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने जिले के सभी प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों को पत्र लिखकर कहा कि इस बीमारी से संबंधित अगर कोई मरीज इलाज कराने के लिए आता है, तो तुरंत इसकी जानकारी जिला सर्विलेंस विभाग को दें, ताकि उसका इलाज कराया जा सके. सिविल सर्जन ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों पर नजर रखी जायेगी. अगर कोई संदिग्ध मरीज मिलता है, तो उसका नमूना लेकर जांच के लिए पुणे लैब में भेजा जायेगा. शहर में कई राज्यों से प्रतिदिन लोगों का आना-जाना लगा रहता है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है. इस पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है