चंपई सोरेन के गांव जिलिंगगोड़ा में खुशी भी और गम भी

झारखंड आंदोलनकारी चंपई सोरेन ने आंदोलन के दौरान कभी भी जेल नहीं गये. चक्रधरपुर रेलवे कोर्ट में लंबित घाटशिला में रेलवे लाइन बाधित करने के मामले में उनकी जमानत खारिज हो गयी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 1, 2024 7:17 AM

जमशेदपुर : चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा की खबर मिलने पर जिलिंगगोड़ा के ग्रामीणों में जहां एक ओर खुशी देखी गयी, वहीं दूसरी ओर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर गम और गुस्से में भी दिखे. चंपई के सीएम के कुर्सी के करीब पाकर यहां ग्रामीणों ने जमकर आतिशबाजी की. मांदर व नगाड़े की थाप पर नृत्य किया. जिलिंगगोड़ा में चंपई सोरेन के छोटे भाई दीकूराम सोरेन ने कहा कि बड़े भाई के मुख्यमंत्री बनने की खबर मिलने बाद वे काफी खुश हैं, लेकिन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी से काफी आहत भी हैं. कभी सोचा नहीं था कि भाई सीएम बनेगा. दीकूराम सोरेन ने कहा कि हमने कभी सोचा भी नही था कि बड़ा भाई कभी सीएम बनेगा. बड़े भाई बचपन से ही अपने गांव और समाज के लोगों के प्रति काफी सजग रहते थे. उनकी मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे. अलग झारखंड आंदोलन के दौरान वे काफी सक्रिय रहा करता थे. उन्होंने कहा कि मैंने उनके जुझारूपन को देखा है. वे जब किसी चीज को ठान लेता है तो उसे पूरा करके ही दम लेते हैं. परिवार के लोगों ने एक-दूसरे को खिलायी मिठाई. चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनाये जाने की खबर मिलने के बाद परिवार के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया. ग्रामीणों के बीच मिठाई भी बांटे.

एक बार नौबत आयी थी, लेकिन कभी जेल नहीं गये चंपई

जमशेदपुर : झारखंड आंदोलनकारी चंपई सोरेन ने आंदोलन के दौरान कभी भी जेल नहीं गये. चक्रधरपुर रेलवे कोर्ट में लंबित घाटशिला में रेलवे लाइन बाधित करने के मामले में उनकी जमानत खारिज हो गयी थी. इसके बाद उन्हें जेल जाने का आदेश दे दिया गया था. इस बीच उनकी तबीयत खराब हो गयी तो उन्हें इलाज के लिए चाईबासा जेल से एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके अलावा आंदोलन के कई मामलों में वे नामजद हुए, लेकिन सभी में उन्हें अग्रिम जमानत के बाद स्थायी जमानत मिली और सभी मामलों में बरी भी हो गये. चंपई सोरेन अपने क्षेत्र ही नहीं पूरे कोल्हान में लोकप्रिय हैं. लोग इन्हें काफी पसंद करते रहे हैं.

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