जमशेदपुर प्रखंड क्षेत्र के 55 पंचायतों के मुखिया व पंसस आज डीसी से मिलेंगे

रेलवे अधीन क्षेत्र में मुखिया फंड से विकास कार्य को रोकने के मसले पर डीसी से करेंगे वार्ता

By Prabhat Khabar Print | June 27, 2024 8:00 PM

वरीय संवाददाता, जमशेदपुर

जमशेदपुर प्रखंड अंतर्गत रेलवे अधीन क्षेत्र में मुखिया फंड से विकास कार्य को रोकने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. जिला मुखिया संघ अपनी मांगों को लेकर आर या पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. गुरुवार को जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय के सभागार मेें प्रखंड प्रमुख पानी सोरेन की अध्यक्षता में मुखिया व पंचायत समिति सदस्यों की सामूहिक बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि वे शुक्रवार को जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल से मिलेंगे और रेलवे अधीन क्षेत्र में मुखिया फंड से ठप विकास कार्य को पहले की तरह फिर से चालू कराने को लेकर वार्ता करेंगे. वार्ता के बाद सकारात्मक फैसला नहीं निकलने पर 55 पंचायत के मुखिया व पंचायत समिति सदस्य क्षेत्र की जनता के साथ प्रजातांत्रिक तरीके से आंदोलन करने को बाध्य होंगे.

जिला व प्रखंड प्रशासन जनहित में अविलंब समाधान निकाले : पलटन मुर्मू

जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष पलटन मुर्मू ने कहा कि जनता ने भरोसे के साथ उन्हें अपना जनप्रतिनिधि बनाया है. अब जनता उनसे क्षेत्र में विकास कार्य को करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रखंड प्रशासन रेलवे अधीन क्षेत्र कहकर वहां विकास कार्य नहीं करने देना चाहती है. जब यही बात थी, तो रेलवे अधीन क्षेत्र के लोगों को मताधिकार से ही वंचित रखना चाहिए था. उन्होंने कहा कि जिला व प्रखंड प्रशासन जनहित में अविलंब समाधान निकाले. जनप्रतिनिधि होने के नाते सभी मुखिया व पंचायत समिति सदस्य जनता की मांग के साथ खड़े हैं.

बैठक में ये हुए शामिल

बैठक में प्रमुख पानी सोरेन, उप प्रमुख शिव कुमार हांसदा, जिला मुखिया संघ अध्यक्ष पलटन मुर्मू, महासचिव कान्हू मुर्मू, कार्यकारी अध्यक्ष सरस्वती टुडू, राकेश चंद्र मुर्मू, सुमी केराई, नीनू कुदादा, मायावती टुडू, सुनील किस्कू, रैना पूर्ति, सोनिया भूमिज, किशोर सिंह, मनोज कुमार, श्वेता जैन, जोबा मार्डी, धनमुनी मार्डी, जमुना हांसदा, जस्मीन गुड़िया, नागी मुर्मू, मनीषा हाईबुरू आदि उपस्थित थे.

मुखिया फंड से विकास कार्य की अनुमति मिले : प्रमुख

जमशेदपुर प्रखंड की प्रमुख पानी सोरेन ने कहा कि रेलवे अधीन क्षेत्र में सांसद, विधायक व जिला परिषद के फंड से विकास काम हो रहा है, लेकिन मुखिया फंड से होने वाले विकास कार्य को रोकना समझ से परे है. विकास कार्य पर रोक लगाना ही है तो सभी स्तर के जनप्रतिनिधियों के विकास कार्य पर रोक लगे.

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