सीएनटी-एसपीटी एक्ट को खत्म करने के लिए हेमंत सरकार ला रही झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट 2020!

सीएनटी-एसपीटी एक्ट (CNT-SPT Act) को खत्म करने के लिए हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ला रही है झारखंड लैंड न्यूटेश्न एक्ट 2020 (Jharkhand Land Mutation Act 2020). यह आरोप लगाया है जमशेदपुर के पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो (Shailendra Mahto) ने. अलग झारखंड राज्य के लिए शिबू सोरेन (Shibu Soren) के साथ मिलकर आंदाेलन करने वाले पूर्व सांसद शैलेंद्र महताे ने मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन काे पत्र लिखकर झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट 2020 काे वापस लेने की मांग की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2020 1:39 PM
an image

जमशेदपुर : सीएनटी-एसपीटी एक्ट (CNT-SPT Act) को खत्म करने के लिए हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ला रही है झारखंड लैंड न्यूटेश्न एक्ट 2020 (Jharkhand Land Mutation Act 2020). यह आरोप लगाया है जमशेदपुर के पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो (Shailendra Mahto) ने. अलग झारखंड राज्य के लिए शिबू सोरेन (Shibu Soren) के साथ मिलकर आंदाेलन करने वाले पूर्व सांसद शैलेंद्र महताे ने मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन काे पत्र लिखकर झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट 2020 काे वापस लेने की मांग की है.

उन्हाेंने कहा है कि यह काला कानून है. इस कानून काे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जायेगा. झारखंड की जमीन पर हमला हाेगा, ताे वे चुप नहीं बैठेंगे. बाेलेंगे, क्याेंकि झारखंड आंदाेलन के वे कप्तान रहे हैं. शैलेंद्र महतो ने हेमंत साेरेन काे पत्र में लिखा कि वे ताे झारखंड राज्य बनने के बाद राजनीति में आये हैं. झारखंड को बर्बाद करनेवाला यह काला कानून दिमाग में कहां से आया?

श्री महतो ने लिखा है कि झारखंड लैंड और म्यूटेशन एक्ट लागू करके हेमंत साेरेन प्रत्यक्ष रूप से छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट (सीएनटी एक्ट) और संथाल परगना टेनेंसी एक्ट (एसपीटी एक्ट) काे प्रभावहीन और समाप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं. एक अफसर गलत करेगा और उसे बचाने के लिए हेमंत सरकार उसे कानूनी संरक्षण देगी, यह अपने आप में भ्रष्टाचार, लूट, चाेरी, गरीब आदिवासी-मूलवासी झारखंडियाें काे जमीन से बेदखल करने समेत कई तरह के प्रश्न खड़े करता है.

Also Read: विधायक बंधु तिर्की ने झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 को क्यों कहा ‘काला कानून’

श्री महताे ने हेमंत साेरेन काे झारखंड का पुराना इतिहास याद कराते हुए कहा कि अंग्रेजाें के शासन में चुआड़ विद्राेह, काेल विद्राेह, संथाल विद्राेह, सरदारी लड़ाई, बिरसा मुंडा का उलगुलान समेत कई विद्राेह हुए, जिसमें झारखंड के संसाधनाें, जल-जंगल-जमीन पर अधिकार, झारखंड के लाेगाें की अस्मिता एवं राजनीतिक स्वायत्तता ही झारखंड आंदाेलन की लड़ाई थी.

उन्होंने कहा है कि ब्रिटिश काल और झारखंड आंदाेलन में हजाराें लाेग शहीद हुए. उन्हें भी याद करें. मामला सिर्फ जल-जंगल-जमीन का था. शैलेंद्र महताे ने पत्र में हेमंत काे लिखा कि वे गुरुजी शिबू साेरेन के बेटे हैं. पिता का आंदाेलन देखा नहीं हाेगा, लेकिन सुना ताे जरूर हाेगा. शिबू साेरेन ने जमीन माफियाओं, महाजनाें से जमीन वापसी की लड़ाई लड़ी. हजाराें की संख्या में हमारे साथी जेल में रहे.

हेमंत बाबू, आप कालीदास नहीं बने और प्रस्तावित झारखंड विराेधी लैंड म्यूटेशन एक्ट 2020 जैसे काले कानून काे वापस लें. यदि ऐसा नहीं हाेता है, ताे जनता सरकार के खिलाफ खड़ी हाेगी और उलगुलान करेगी.

शैलेंद्र महतो, पूर्व सांसद, जमशेदपुर

श्री महतो ने मुख्यमंत्री को बताया है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गाेलियां चलायीं. कांग्रेस सरकार कभी झारखंड राज्य के पक्ष में नहीं रही, बल्कि झारखंड के संसाधनाें, जनता और नेताओं का दाेहन करती रही. शायद इस कानून के समर्थन में कांग्रेस का पंजा है और झामुमाे की सरकार उसके समर्थन से चल रही है.

श्री महतो ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने झारखंड के लाेगाें का दुख-दर्द समझा और अलग राज्य का गठन किया. इसका मतलब यह नहीं कि झारखंड विराेधी हेमंत सरकार राज्य के किसानाें की जमीन भू-माफियाओं और पूंजीपतियाें के हाथाें लुटवा दे.

Also Read: TATA STEEL: लॉकडाउन में 235.54 करोड़ का बंपर बोनस, 3 लाख रुपये तक मिलेगा एक कर्मचारी को

श्री महताे ने पत्र के अंत में लिखा, ‘हेमंत बाबू, आप कालीदास नहीं बने और प्रस्तावित झारखंड विराेधी लैंड म्यूटेशन एक्ट 2020 जैसे काले कानून काे वापस लें. यदि ऐसा नहीं हाेता है, ताे जनता सरकार के खिलाफ खड़ी हाेगी और उलगुलान करेगी.’

Posted By : Mithilesh Jha

Exit mobile version