Loading election data...

जमशेदपुर : जल्द करें यह काम वरना नहीं बचेगा झारखंड, हिमांता बिस्वा सरमा ने CM हेमंत सोरेन से किया रिक्वेस्ट

असम के सीएम हिमांता बिस्वा सरमा दो दिनों के झारखंड दौरे पर हैं. इस दौरान हिमांता सरमा ने पाकुड़ के हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया. इसपर सवाल उठाते हुए उन्होंने आज जमशेदपुर में हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला और कहा कि सरकार घुसपैठियों के मुद्दे को गंभीरता से लें और कार्रवाई करें.

By Kunal Kishore | August 2, 2024 4:49 PM

जमशेदपुर : असम के सीएम और झारखंड में बीजेपी के सह-प्रभारी हिमांता बिस्वा सरमा झारखंड के दौरे पर हैं. इस दौरान हिमांता ने हेमंत सोरेन सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने पाकुड़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि घुसपैठियों ने पाकुड़ के गायबथान में कब्जा कर लिया है. 2015 में कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया था कि आदिवासियों की जमीन से घुसपैठियों को हटा कर आदिवासियों के हवाले कर दिया जाए लेकिन प्रशासन ने कुछ नहीं किया. सरमा ने सीएम हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि घुसपैठियों के मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करें नहीं तो इससे डेमोग्राफी पर बड़ा असर पड़ेगा.

सभी राजनीतिक पार्टियों की जिम्मेदारी है कि राज्य को बचाएं

हिमांता सरमा ने हेमंत सोरेन सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि राजनीति हमेशा चलती रहेगी, सरकारें आएंगी और जाएंगी लेकिन यह सभी राजनीतिक पार्टियों की जिम्मेदारी है कि राज्य को बचाया जाए. उन्होंने हेमंत सोरेन से आग्रह किया कि घुसपैठियों के मुद्दे को नजरअंदाज न करें इस पर कार्रवाई करें क्योंकि यह डेमोग्राफी पर हमला है.

Also Read : ‘झारखंड में आदिवासियों को नहीं मिल रहा न्याय’, पाकुड़ में हिमंता बिस्वा सरमा ने हेमंत सोरेन पर बोला हमला

30 साल बाद घुसपैठिया के सामने नतमस्तक होंगे झारखंड सीएम

सरमा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर घुसपैठियों के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया तो 30 साल बाद विधानसभा के हॉल में बैठे रहेंगे और झारखंड के सीएम लाचार होकर घुसपैठियों के सामने सरेंडर कर देंगे. उन्होंने कहा लेकिन मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि राज्य में बीजेपी की सरकार बने जो कि घुसपैठ को रोक सके.

झारखंड के लोगों को होना होगा जागरूक

सरमा ने कहा कि घुसपैठियों के मुद्दे पर सबसे पहले झारखंड की आवाम को जागरूक होना पड़ेगा. क्योंकि घुसपैठिये एक बार शरण की तलाश में आते हैं और फिर कब्जा कर लेते हैं. ऐसे ही समान तरीके से असम में भी घुसपैठ होती थी. अगर एक बार झारखंड के लोग जागरूक हो गए तो घुसपैठियों की हिम्मत नहीं होगी यहां आने की.

Next Article

Exit mobile version