शिक्षक नियुक्ति में ”हो” भाषा को शून्य बताने पर समाज में रोष

पूर्वी सिंहभूम जिले में शिक्षक नियुक्ति में 'हो' भाषा शिक्षकों की संख्या शून्य बतायी गयी है. इससे आदिवासी 'हो' समाज में रोष है. उनका कहना है कि 'हो' समाज के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2024 8:40 PM

”हो” समाज के लोग 17 को डीसी को सौपेंगे अपनी सर्वे रिपोर्ट

रविवार को हलुदबनी में पांच मौजा के स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख व बुद्धिजीवियों की हुई बैठक

जमशेदपुर:

परसुडीह हलुदबनी चौक स्थित पंचायत भवन में आदिवासी ”हो” समाज के स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख व बुद्धिजीवियों की एक बैठक हुई. बैठक में गदड़ा, जसकनडीह, हलुदबनी, ब्यांगबिल व बाड़ेगोड़ा मौजा के लोग शामिल हुए. पूर्वी सिंहभूम जिले में शिक्षक नियुक्ति में ”हो” भाषा शिक्षकों की संख्या शून्य बतायी गयी है. इससे आदिवासी ”हो” समाज में रोष है. उनका कहना है कि ”हो” समाज के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. बैठक की अध्यक्षता कर रहे समाज के बुद्धिजीवी सह पंचायत समिति सदस्य रैना पूर्ति ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम में आदिवासी ”हो” समाज की बहुलता है. बावजूद इसके ”हो” समाज को हाशिये पर रख दिया गया है. उच्च न्यायालय के आदेशानुसार मुंडा, मानकी एवं ग्राम प्रधान की सरकारी नियुक्ति होनी है. लेकिन अभी तक पूर्वी सिंहभूम जिले में मुंडा व मानकी की नियुक्ति नहीं हो पायी है. शिक्षक नियुक्ति में भी ”हो” समाज को वंचित करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सामाजिक स्तर से ”हो” समाज की पूरे पूर्वी सिंहभूम में सर्वे करायी जा रही है. यह सर्वे रिपोर्ट 17 जुलाई को उपायुक्त को सौंपी जायेगी, ताकि ”हो” समाज की धरातल की स्थिति क्या है के संबंध में जिला प्रशासन को भी जानकारी हो सके. बैठक में रैना पूर्ति, खत्री सिरका, जानकी बांकिरा, रामचंद्र तियू, दीपक बिरूली समेत अन्य मौजूद थे.

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