बिहार में शुरू हुए जमीन के सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) के बीच झारखंड में आवास बोर्ड ने सर्वेक्षण शुरू किया, तो उसके कर्मचारियों को लोगों ने खदेड़ दिया. जी हां, झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने हाल के दिनों में लिये गये पुराने फ्लैट के मामले (री-डेवलपमेंट वर्क) को लेकर उत्पन्न विवाद का मामला अब तक नहीं सुलझा है. डब्ल्यू टाइप व इडब्ल्यूएस फ्लैट के सर्वे का यहां के लोगों ने जमकर विरोध किया.
आवास बोर्ड मुर्दाबाद के नारे लगाए
इस क्रम में आवास बोर्ड की तानाशाही नहीं चलेगी, आवास बोर्ड मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए रांची से आये सर्वे कर रहे लोगों को खदेड़ दिया. उनका एक व्यक्ति आवास बोर्ड के कार्यालय में था. विरोध कर रहे लोगों ने कार्यालय परिसर के गेट में सांकेतिक रूप से ताला लगा कर अपना आक्रोश व्यक्त किया.
सर्वेयर और डब्ल्यू टाइप के निवासियों ने एक-दूसरे की शिकायत की
घटना को लेकर सर्वे करने आये लोगों ने पुलिस से शिकायत की है. वहीं, दूसरी ओर डब्ल्यू टाइप के लोगों ने कहा कि सर्वे करने आये लोगों व आवास बोर्ड के कर्मचारियों के खिलाफ थाना में शिकायत की जायेगी.
ड्रोन उड़ता देख महिलाएं हुईं सतर्क
रांची से 2 कार में सवार होकर डब्ल्यू टाइप फ्लैट का सर्वे करने आये लोग ड्रोन से सर्वे कर रहे थे. महिलाओं ने घरों की खिड़कियों के आसपास ड्रोन को मंडराते देखा, तो सतर्क हो गयीं. सभी ने एकजुट होकर मामले का पता किया, तो लोगों ने बताया कि सर्वे का काम चल रहा है. इसके बाद कॉलोनी के लोग एकत्र होने लगे.
इडब्ल्यूएस के लोगों ने भी सर्वे का किया विरोध
ट्रांसपोर्ट कॉलोनी स्थित इडब्ल्यूएस के लोगों ने सर्वे करने पहुंचे एजेंसी के कर्मचारियों का विरोध किया. जुडको द्वारा एजेंसी के माध्यम से आवास बोर्ड के जर्जर और पुराने फ्लैटों का री-डेवलपमेंट वर्क के तहत सर्वे कराया जा रहा है. इसका डब्ल्यू टाइप व इडब्ल्यूएस फ्लैट व मकान के लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है.
दलमा क्षेत्र के ग्रामीणों को विस्थापित करने का गम्हरिया में विरोध
अखिल भारतीय आदिवासी-मूलवासी रक्षा मोर्चा की बैठक पिंड्राबेड़ा स्थित कार्यालय में केंद्रीय अध्यक्ष संग्राम मार्डी की अध्यक्षता में हुई. इसमें स्थानीय समस्याओं पर चर्चा करते हुए समाधान के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया गया.
जल-जंगल-जमीन की रक्षा करने वालों को विस्थापित नहीं करने देंगे
इसके अलावा दलमा के आसपास के गांवों को विस्थापित करने की सरकार की योजना का विरोध किया गया. वहीं योजना के विरोध में ग्रामीणों द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन का समर्थन किया गया. श्री मार्डी ने कहा कि यहां के जल, जंगल, जमीन को आदिवासी-मूलवासी रक्षा करते आ रहे हैं. वैसे लोगों को विस्थापित करने की योजना को कभी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
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