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झारखंड : दलमा पहाड़ पर शिकार पर्व आज, 3000 से अधिक सेंदरा वीर हुए रवाना, वन विभाग ने लौटाने का किया दावा

कोल्हान के दलमा पहाड़ पर सोमवार को शिकार पर्व को लेकर 3000 से अधिक सेंदरा वीर कूच कर गये. शिकार के बाद लो बीर दरबार आखड़ा का आयोजन होगा, आदिवासी समाज की समस्याएं, पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था पर चर्चा होगी. वहीं सोये हुए या बीमार जानवर का शिकार नहीं करने का निर्देश दिया गया.

Jharkhand News: आदिवासी समुदाय के लोग सोमवार को दलमा पहाड़ पर सेंदरा पर्व मनायेंगे. रविवार को सेंदरा वीरों ने दलमा राजा राकेश हेंब्रम के नेतृत्व में दलमा देवी की पूजा अर्चना की. सुबह-शाम वन देवी का आह्वान किया. बलि देकर सेंदरा के लिए अनुमति मांगी. इसके बाद 3000 से अधिक लोग देर रात दलमा के जंगल की ओर कूच कर गये. तालसा के धाड़ दिशोम माझी बाबा दुर्गा चरण मुर्मू ने सेंदरा पर्व का समर्थन किया है. यह भी तय हुआ कि सोये हुए जानवर या बीमार जानवर का कोई शिकार नहीं करेगा. इधर, सेंदरा पर्व को लेकर दलमा के चारों ओर वन विभाग के अधिकारियों ने चौकसी बढ़ा दी है. वन विभाग ने दावा किया है कि कई सेंदरा वीरों को वापस लौटा दिया गया है.

वन विभाग अलर्ट

सेंदरा को देखते हुए रविवार को वन विभाग की गठित टीम ने वन्य प्राणी की रक्षा के लिए दलमा के विभिन्न जगह पर पेट्रोलिंग की. दलमा विशु शिकार पर्व को देखते हुए डीएफओ, वन रक्षी पदाधिकारी और वनपाल की टीमों का गठन किया गया है. जानवरों का शिकार न हो इसके लिए वन विभाग भी अलर्ट पर है. सेंदरा वीरों को रोकने के लिए 11 जगहों पर चेकनाका बनाये गये हैं. शिकारियों के हथियार जब्त करने का भी आदेश दिया गया है. छह डीएफओ सहित प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी सहित सभी अधिकारी को रविवार 11 बजे चेकनाका पर पहुंच गये थे. वन विभाग ने दलमा के चारों ओर मुख्य मार्ग पर 20 स्थानों पर बैरिकेट लगाये हैं. वहीं, फदलोगोड़ा काली मंदिर के समीप चेकनाका, पटमदा में चेकनका, नीमडीह के लुपुंगडीह, डाहुबेड़ा आदि जगह पर चेकनाका लगाया गया. इसके बावजूद रविवार की देर शाम को सेंदरा वीर जंगल में सेंदरा के लिए प्रवेश कर गये हैं. प्रति वर्ष वनकर्मी व इको समिति के सदस्य शिकार को रोकने के लिए दलमा पहुंचते हैं, बावजूद इसके सेंदरा वीर जंगली जानवरों का शिकार करते हैं.

सोमवार को आखड़ा का आयोजन

सेंदरा वीरों ने बताया कि उन्हें किसी भी चेकनाका में कोई परेशानी नहीं हुई. वन विभाग द्वारा दलमा आने वाले सेदरा वीरों का सहयोग किया जा रहा है. रात भर सेंदरा वीर विश्राम स्थाल पर जागरण करेंगे और भोर में दो बजे पहाड़ की ओर रुख करेंगे. सोमवार को दिन में दो बजे विश्राम स्थल में लो बीर दरबार आखड़ा का आयोजन किया गया है. आखड़ा में आदिवासी समाज के विभिन्न संवेदनशील मामले तथा ओलचिकी लिपी के संरक्षण, संवर्धन, संथाली राजभाषा, सरना धर्म और आदिवासी पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के सुदृढ़ करने के संबंध में चर्चा की जायेगी.

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डीएफओ ने वन प्रहरियों के साथ बैठक कर दिये दिशा-निर्देश

सेंदरा पर्व को लेकर दलमा के चारों ओर वन विभाग के अधिकारियों ने चौकसी लगा दी है. रविवार की सुबह से ही अधिकारियों का दल पारडीह काली मंदिर चेकनाका में नजर बनाये हुए थे. अधिकारियों का दावा है कि विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे सैकड़ों सेंदरा वीरों को समझा कर वापस लौटा दिया गया. दलमा की ओर आने वाले प्रत्येक कार, जीप व बस की जांच की जा रही थी. हथियार के साथ आये कई ग्रामीणों को भी लौटाया गया. हालांकि, कुछ सेंदरा वीरों का कहना है कि वे पहाड़ पर कूच कर चुके हैं.

सेंदरा वीरों से व्यवहार करने की दी गई खास हिदायत

दलमा रेंज के डीएफओ अभिषेक कुमार, रेंज ऑफिसर दिनेश रंजन, मानगो रेंज ऑफिसर दिग्विजय सिंह व अन्य अधिकारियों ने पारडीह काली मंदिर के पास बने चेकनाका के पास सभी वन प्रहरियों के साथ बैठक कर उन्हें दिशा निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि सेंदरा वीरों से किस तरह व्यवहार करना है और क्या नहीं करना है इसकी भी खास हिदायत दी गयी.

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