जमशेदपुर के साकची बाजार में रोजाना फुटपाथ से होती है लाखों की अवैध वसूली, जिम्मेदार कौन?
साकची में ठेला, कपड़ा दुकान लगाने वाले फुटपाथी दुकानदारों से बातचीत की. इन दुकानदारों ने बताया कि साकची बाजार में ऐसी कोई भी गली नहीं है, जहां दुकान लगाने के लिए पैसे की वसूली नहीं की जाती है. अलग-अलग एरिया के लिए अलग-अलग लोग वसूली करते हैं.
जमशेदपुर, अशोक झा : साकची में शहर का सबसे बड़ा बाजार है. यहां तकरीबन 3,580 दुकानें हैं. यहां रोजाना लगभग 73 हजार से ज्यादा लोग खरीदारी करने आते हैं, लेकिन लोगों को फुटपाथ पर पैदल चलने की भी जगह नहीं मिलती है. इस वजह से यहां हर दिन जाम की स्थिति बनी रहती है. इसकी वजह है साकची बाजार के फुटपाथ पर अवैध कब्जा, जिसकी बिक्री हर दिन लाखों में की जाती है. इतनी बड़ी राशि की वसूली फुटपाथी दुकानदारों, ठेले व गुमटी वालों से हर दिन की जाती है. वसूली की राशि 200 से 600 रुपये तक होती है. साकची में फुटपाथ पर दुकान लगाने पर डीसी और एसडीओ की ओर से रोक है, इसके बावजूद फुटपाथ पर प्रतिदिन दुकानें सजती हैं. प्रभात खबर की टीम ने बुधवार को साकची में ठेला, कपड़ा दुकान लगाने वाले फुटपाथी दुकानदारों से बातचीत की. इन दुकानदारों ने बताया कि साकची बाजार में ऐसी कोई भी गली नहीं है, जहां दुकान लगाने के लिए पैसे की वसूली नहीं की जाती है. अलग-अलग एरिया के लिए अलग-अलग लोग वसूली करते हैं.
ऐसे तय होती है रेट
पार्किंग की जमीन की भी प्रतिदिन बिक्री होती है. इसकी वसूली पार्किंग वसलूने वाले कर्मचारी करते हैं. पार्किंग एरिया की जगह का रेट अलग- अलग है. दुकानदार बताते हैं कि 150 से लेकर 500 रुपये की वसूली की जाती है, लेकिन रसीद नहीं दी जाती है. मॉल के आगे निश्चित जगह पर दुकान लगाने के लिए 10 हजार से 25 हजार रुपये तक वसूले जाते हैं. विरोध करने पर पार्किंग में जगह नहीं मिलती है.
कई हैं जिम्मेदार
साकची पुलिस दिन भर पेट्रोलिंग करती है. बाजार के प्रवेश द्वार पर साकची ट्रैफिक पुलिस का पोस्ट है. चंद कदम की दूरी पर साकची थाना और जमशेदपुर अक्षेस का कार्यालय है, लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती है. पक्के दुकानदार भी इसमें पीछे नहीं है. मंगलवार को पैसा लेकर दुकान के आगे दुकान लगवाते हैं. इन दुकानदारों से मंगलवार को लाखों की अवैध वसूली होती है.
Also Read: जमशेदपुर में तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण, NGT के आदेशों को नजरअंदाज कर रहे प्रशासन
साकची बाजार में फुटपाथ बेचने की शिकायत मिल रही है. जिला प्रशासन की ओर से मामले को देखा जा रहा है. इस तरह के काम में शामिल लोगों पर जांच के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी.
-पीयूष सिन्हा, उप प्रशासक सह एसडीओ, धालभूम