अगर सफलता चाहिए तो कंफर्ट जोन को छोड़ना होगा, सही दिशा में कदम बढ़ाना होगा. अपने स्वास्थ्य और भावनाओं के साथ किसी को खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं देते हुए आगे बढ़ना होगा, तभी सफलता मिल सकती है. उक्त बातें देश की पहली महिला आइपीएस ऑफिसर डॉ किरण बेदी ने कही. वे शुक्रवार को एक्सएलआरआइ में विद्यार्थियों के मार्केटिंग मेला मैक्सी फेयर के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहीं थीं. इससे पहले उनका एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर एस जार्ज ने स्वागत किया. इस दौरान डॉ किरण बेदी ने प्रबंधन के विद्यार्थियों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में भी छात्र-छात्राओं को बताया कि क्या करना है और क्या नहीं करना है और किस तरह की चुनौतियां बेहतर प्रबंधन के दौरान आते रहती है.
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ किरण बेदी ने कहा कि यह सोचना चाहिए कि ईश्वर ने उनको मौका दिया है. जो मौका दिया है, वह अपनी आय बढ़ाने के साथ समाज को कैसे देना है, इसके बारे में भी सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्होंने जब आइपीएस कैडर को चुना था तो उस वक्त के गृह मंत्री ने पूछा था कि क्या वह सही में यह कार्य करना चाहती है, लेकिन मैंने तय कर लिया था कि जब मौका मिला है तो यह करना है और अच्छा करना है. पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर यह हासिल कर पाये हैं तो जरूर जनता तक इसका लाभ पहुंचायेंगे और हर मोड़ पर हमने बेहतर करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सबको यह सोचना चाहिए कि आपको करना क्या है, कितना हद तक करना है और क्या-क्या करना है, सिर्फ पैसा कमाना है कि समाज के लिए भी कुछ करना है, यह फैसला ले लेना चाहिए.
डॉ किरण बेदी ने कहा कि हर किसी को अकेले बैठना चाहिए. किसी और से बात नहीं करके खुद से बात करनी चाहिए. आप बेस्ट कैसे कर सकते है, इसके बारे में सोचें. गलती को खोजें, गलती नहीं हो, यह कोशिश कीजिये, कहां गलती की है, यह खुद से सवाल करें. इसके बाद ही कुछ हो सकेगा.
पुड्डूचेरी की उपराज्यपाल के रूप में काम कर चुकी डॉ बेदी ने कहा कि गिद्ध संस्कृति के बीच किस तरह से काम करना है, इस पर ध्यान देना चाहिए. उन्होने कहा कि पुड्डुचेरी में उपराज्यपाल के तौर पर काम करने के दौरान कई बार कई लोग गलत तरीके से बिल पास कराने की कोशिश करते थे ताकि राजनीतिक लाभ ले सके, लेकिन हमने उसको रोका. इस तरह गिद्ध संस्कृति में किस तरह अपने आत्मसम्मान के साथ सही काम करना चाहिए.
अपने तिहाड़ जेल के अनुभव को साझा करते हुए डॉ किरण बेदी ने कहा कि तिहाड़ जेल में किये गये काम और उसके बाद भी कई काम हुए है. उसको हर मैनेजमेंट स्कूल को पढ़ना चाहिए. यह सोचना चाहिए कि कैसे समाज को कुछ दें. इस कारण जेल के कैदियों को रोजगार से जोड़ने के लिए मैनेजमेंट के बच्चों को कुछ करना चाहिए ताकि बिना किसी निवेश के आराम से आमदनी का स्रोत विकसित किया जा सकता है.
Also Read: हम धर्म के नाम पर लड़ते हैं, पर ईश्वर एक ही है : राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन