जमशेदपुर: रेलवे ने कोविड में बंद ट्रेनों को चलाने की घोषणा कर दी है. हालांकि इस बार जारी आदेश में कुछ बदलाव यात्रियों की जेब पर भारी पड़ने वाला है. रेलवे ने कई पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस में बदलकर चलाने की घोषणा की है. इसमें टाटा से चलने वाली इतवारी पैसेंजर भी शामिल है. 5 मई से टाटा-इतवारी-टाटा पैसेंजर की जगह यह ट्रेन टाटा-इतवारी-टाटा एक्सप्रेस (18109, 18110) बनकर चलेगी.
इसमें किराया एक्सप्रेस का लगेगा जबकि ट्रेन का कोच वहीं होगा, पूर्व के निर्धारित मार्ग व ठहराव भी वहीं रहेंगे. समय भी पूर्व की तरह ही लगेगा. हां, अब उसका किराया एक्सप्रेस का वसूला जायेगा जो छोटे स्टेशनों को जाने वाले यात्रियों के लिए तीन गुना तक हो सकता है.
टाटानगर स्टेशन से सुबह 9.10 बजे चलकर ट्रेन दूसरे दिन सुबह 4.45 बजे इतवारी पहुंचेगी. 877 किलोमीटर की यात्रा में टाटा-इतवारी पैसेंजर में पहले टाटा से आदित्यपुर तक का किराया 10 रुपये लगाता था वह अब इस ट्रेन का बढ़कर 30 रुपये हो जायेगा.
पैसेंजर ट्रेन से गम्हरिया, वीरबांस, सीनी, राजखरसावां तक जाने वालों को भी अब बढ़ा हुआ किराया देना होगा. पैसेंजर से चक्रधरपुर, लोठापहाड़ स्टेशन का 20 रुपये लगता था वह अब 40 रुपये लगेगा. गोइलकेरा का 25 रुपये वाला किराया अब बढ़कर 50 रुपये हो जायेगा. टाटा से इतवारी तक पैसेंजर में 140 रुपये लगते थे वह अब एक्सप्रेस के नाम जुड़ जाने से 245 रुपये हो जायेगा.
टाटा-इतवारी के बीच एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन स्वागत योग्य है, लेकिन पैसेंजर ट्रेन को ही एक्सप्रेस बनाकर तीन गुना किराया लेना पूरी तरह से अनुचित व गलत है. हमारी डिमांड है पैसेंजर ट्रेन चलायी जाये. जिसका स्थानीय लोग, स्टूटेंड, बीमार यात्रियों, महिलाओं, कामगारों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने का उपयोग करते थे. ऐसी मानसिकता का पुरजोर विरोध किया जायेगा.
गीता कोड़ा, सांसद, पश्चिम सिंहभूम
डोरमेट्री, रिटायरिंग रूम की 6 मई से अॉनलाइन बुकिंग. चक्रधरपुर रेलमंडल के चक्रधरपुर, राउरकेला, झारसुगुड़ा स्टेशन पर डोरमेट्री और रिटायरिंग रूम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गयी है. यह बुकिंग आइआरसीटीसी से पूर्व की तरह की जा सकेगी. कोविड के समय इसे बंद कर दिया गया था.
इससे पहले भी इसी तरह के एक निर्णय में रेलवे ने देश भर की कई ट्रेनों को एक साथ सुपरफास्ट बना दिया था. तब भी बिना किसी बदलाव के ट्रेन के किराया में सुपरफास्ट चार्ज जोड़ दिया गया और यात्रियों से अधिक वसूली की जाने लगी. इस तरह एक बार फिर से बिना किसी सुविधा अथवा बदलाव के पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस का नाम देकर रेलवे ने अतिरिक्त राजस्व जुटाने का इंतजाम कर लिया है. हालांकि इसका विरोध भी शुरू हो गया है. कई यात्रियों ने इस संबंध में जानकारी लेने के बाद कहा कि रेलवे ने बिना किसी अतिरिक्त सुविधा के यात्रियों पर किराया का अतिरिक्त बोझ डाल दिया और कहने के लिए ट्रेन चलाकर सुविधा देने के नाम पर वाहवाही पाने का प्रयास किया जा रहा है.
Posted By: Sameer Oraon