Indian Railways: ट्रेनों में लगेगा कवच, ट्रैक के आसपास होगा गजराज सिस्टम, जानें कैसे करेगा काम
दक्षिण पूर्व रेलवे ट्रेनों में कवच सिस्टम लगाएगा, जो ट्रेनों के बीच टक्कर को रोकेगा. वहीं ट्रेनों से हाथियों के कटने की घटना को रोकने के लिए रेलवे ने गजराज सिस्टम की पहल की है.
Indian Railways: रेलवे झारखंड, बंगाल और ओडिशा की ओर आने वाली ट्रेनों का एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से जोड़ने जा रही है. यह फैसला ट्रेनों से होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए किया गया है. चूंकि, इन इलाकों में आए दिन ट्रेन से हाथियों के कटने की खबरें आती रहती हैं. लगातार ट्रेनों से होने वाली दुर्घटनाओं रोकने के लिए एक कवच सिस्टम लगाने की योजना बनाई गई है. रेलवे ने बताया कि यह कवच ट्रेनों के बीच टक्कर को रोकेगी. मार्च 2025 तक कवच सिस्टम लगाने की योजना है. वहीं, एआई आधारित सेंसर सिस्टम गजराज भी लगाया जा रहा है. गजराज सिस्टम 700 किलोमीटर के रेलवे लाइन में लगा दिया जायेगा. 7 से 8 माह के भीतर इसका काम पूरा कर लिया जायेगा, जिससे ट्रेनों से हाथियों के कटने की घटनाओं को रोका जा सके.
नॉर्थ इस्ट फ्रंटियर रेलवे में सफल हुआ है यह प्रयोग
इस योजना को लेकर रेलवे मंत्रालय की ओर से मंजूरी दे दी गयी है. इसका प्रयोग नॉर्थ इस्ट फ्रंटियर रेलवे में सफल हुआ है, जिसके बाद इसको दक्षिण पूर्व रेलवे में लगाया जा रहा है. इसके जरिये हाथियों का रेलवे ट्रैक के आसपास होने वाले मूवमेंट को रोका जा सकेगा. रेलवे ट्रैक के आसपास केबल बिछाया जायेगा. इसमें सेंसर लगा होगा. इसमें वैसे एरिया को चिन्हित किया गया है, जहां हाथियों का मूवमेंट होता रहता है.
कैसे काम करेगा गजराज सिस्टम
गजराज सिस्टम में सेंसर के माध्यम से करीब 200 मीटर पहले ही हाथियों के मूवमेंट का पता चल जायेगा. अलार्म बज जायेगा. ड्राइवर खुद ट्रेनों की स्पीड को कम कर देंगे. इस पर करीब 181 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय के आकलन के मुताबिक दस सालों में बंगाल, असम और झारखंड के एरिया में करीब 200 से अधिक हाथियों की मौत हो चुका है. रेलवे की ओर से इस नये सिस्टम को लागू किया जा रहा है. इसका काम 2024 के मध्य तक पूरा कर लिया जायेगा. सुरक्षा विभाग को इसके लिए तत्काल पहल करने को कहा गया है.
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