Airport की तरह जल्द दिखेंगे Tatanagar समेत कई अन्य रेलवे स्टेशन, 160 km/घंटा की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन
टाटानगर समेत कई अन्य रेलवे स्टेशनों का जल्द कायाकल्प होने वाला है. जल्द ही ये रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट की तरह दिखेंगे. वहीं, 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें भी दौड़ेगी. इस योजना पर काम अंतिम चरण में है. इसके अलावा अन्य पांच स्टेशनों को खुद्रा स्टेशन की तर्ज पर विकसित करने की योजना है.
Jharkhand News: टाटानगर रेलवे स्टेशन (Tatanagar Railway Station) समेत चक्रधरपुर, राउरकेला और झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प होगा. चारों स्टेशनों के विकास पर दो हजार करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है. ये स्टेशन एयरपोर्ट की तरह दिखेंगे. प्रत्येक स्टेशन को विकसित करने पर 450- 500 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति रेलवे बोर्ड से मिल गयी है.
DPR तैयार कर बोर्ड को भेजी जाएगी
चक्रधरपुर डीआरएम वीके साहू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि डीपीआर तैयार कर डिवीजन छह माह में बोर्ड को भेज दी जायेगी. बोर्ड से स्वीकृत और बजटिंग होने की प्रक्रिया में तीन साल लगेंगे. इसके बाद किसी एजेंसी को काम दिया जायेगा. यह काम बिना रेल परिचालन बाधित किये किया जायेगा. इस मौके पर सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक, एआरएम विनोद कुमार आदि मौजूद थे.
खुद्रा स्टेशन की तर्ज पर विकसित होंगे पांच स्टेशन
डीआरएम ने बताया कि रायरंगपुर, डांगुवापोसी, बादामपहाड़, बड़बिल समेत पांच स्टेशनों को खुर्दा स्टेशन की तर्ज पर विकसित किया जायेगा. इस पर 17 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि आसनबनी से झारसुगुड़ा तक चौथी लाइन का निर्माण भी किया जाना है. तीसरी लाइन का काम जून 2023 तक पूरा हो जायेगा. चौथी लाइन बनने से मालगाड़ी और ट्रेनों के परिचालन में आसानी होगी.
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160 किलोमीटर प्रति घंटा से ट्रेन चलाने का लक्ष्य
रेल मंडल में फिलहाल 130 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनें चल रही है. नौ माह में इन्हें 160 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चलाने का लक्ष्य है. डीआरएम ने बताया कि गोविंदपुर स्टेशन पर अभी बंद कुछ मेमू एवं पैसेंजर ट्रेनों को स्टाॅपेज दिया जायेगा. गोविंदपुर स्टेशन को और विकसित किये जाने का प्लान है. बादामपहाड़-रायरंगपुर रेलमार्ग पर भी स्टेशनों में सुविधाएं बढ़ायी जाएगी. चक्रधरपुर डिवीजन में 20 लोडिंग प्वाइंट बनाये जाने हैं, जिनमें से 14 बनकर तैयार हो गये हैं, छह पर काम चल रहा है. निजी कंपनियां को भी प्वाइंट बनाने में मदद दी जायेगी.