Jharkhand News: सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री रोकने की पहल शुरू, प्रतिबंधित सूची में शामिल होगी खास महाल की भूमि

सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री रोकने के लिए राज्य सरकार नये सिरे से पहल शुरू कर दी है. इसको लेकर राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने पत्र भेजा है. बताया गया कि पूर्वी सिंहभूम जिले में सरकारी और वन भूमि से लेकर खास महाल तक की भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2023 12:18 PM

Jharkhand News: सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री रोकने के लिए राज्य सरकार नये सिरे से पहल कर रही है. झारखंड सरकार के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने पूर्वी सिंहभूम सहित सभी जिला अवर निबंधक को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि सरकारी, वन और खास महाल की भूमि तथा विभिन्न विभागों के लिए अर्जित की गयी भूमि की प्रविष्टि प्रतिबंधित सूची में सुनिश्चित करें. सभी जिला अवर निबंधक को निर्देश दिया गया है कि वह वन पदाधिकारी एवं उपायुक्त सह जिला निबंधक से संपर्क कर अगले 15 दिनों में प्रक्रिया पूरी कर विभाग को भेजें. निबंधक महानिरीक्षक चंद्रशेखर ने पत्र जारी किया है.

खास महाल जमीन पर है कब्जा

पूर्वी सिंहभूम जिले में सरकारी और वन भूमि से लेकर खास महाल तक की भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा है. जिला प्रशासन की ओर से खास महाल की भूमि के लीज नवीनीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है. इसमें वर्तमान में भूमि पर कब्जा रखने वाले अधिकतर लोगों ने नवीनीकरण के लिए आवेदन तक नहीं किया है. बताया जा रहा है कि इसमें संबंधित लोगों के पास जरूरी कागजात तक उपलब्ध नहीं है.

तीन साल में सात पत्र जारी

मुख्य सचिव की ओर से सरकारी भूमि के संरक्षण को लेकर दिये गये निर्देश के आलोक में कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ की गयी है. वर्ष 2020 से लेकर वर्ष 2022 तक सात अलग-अलग पत्र जारी किये जा चुके हैं. इससे पूर्व इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्त सह जिला निबंधक और प्रमंडल अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है. संबंधित पत्र की प्रति भेजते हुए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.

Also Read: Jharkhand Weather Update News: ठंड से जनजीवन प्रभावित, ट्रेनों पर भी पड़ा असर, कई रद्द तो कई री-शिड्यूल

विभाग को इन बिन्दुओं पर भेजी जायेगी रिपोर्ट

– विभाग को भेजे जाने वाले विवरणों में जिले के नाम के साथ प्रविष्टि के लिए कुल प्लॉट की श्रेणीवार संख्या

– श्रेणीवार प्रविष्टि किये गये प्लॉटों की संख्या

– श्रेणीवार प्रविष्टि हेतु लंबित प्लॉटों की संख्या.

क्या है खास महाल की जमीन

1911 में हुए पहले सर्वे में चिह्नित ऐसी जमीन जो पूरी तरह सरकार की थी. यानी सरकार की निजी जमीन. इसे खास महाल नाम दिया गया. इस पर किसी रैयत अथवा जमींदार का कोई अधिकार नहीं था. बिहार सरकार के समय किसी खास उद्देश्य के लिए संबंधित जमीन सरकार लोगों को लीज पर देती थी. यह प्रक्रिया वर्षों पहले प्रारंभ हुई. इसमें जिस उद्देश्य के लिए जमीन सरकार ने लोगों को लीज पर दी थी, उनके लीज की अवधि खत्म होने के बाद भी कई जगह सरकार को वह जमीन वापस नहीं की गयी. इस कारण लोगों ने इस जमीन को आगे दूसरे लोगों को या तो बेच दिया है या अपनी तरफ से आगे दूसरे लोगों को लीज कर दिया. अब बिहार की ही तरह झारखंड सरकार अपनी इन जमीनों के रिकॉर्ड को ठीक करना चाह रही है. जिन लोगों को लीज पर जमीन दी गयी है वही लोग अभी भी काबिज हैं या नहीं. इसकी जिला स्तर पर भी जांच हुई है.

Next Article

Exit mobile version