Jharkhand News : अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर बिरजू शाह का जमशेदपुर में निधन, खेल जगत में शोक
Jharkhand News : जमशेदपुर शहर के दिग्गज बॉक्सर (मुक्केबाज) बिरजू शाह का रविवार की सुबह निधन हो गया. वह 50 वर्ष के थे. वह अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और एक बेटी को छोड़कर गये हैं. परिजनों के अनुसार उन्हें बीपी, शुगर व लीवर संबंधित बीमारी थी. अंतिम संस्कार साकची स्थित सुवर्ण रेखा घाट पर किया गया.
Jharkhand News : जमशेदपुर शहर के दिग्गज बॉक्सर (मुक्केबाज) बिरजू शाह का रविवार की सुबह निधन हो गया. वह 50 वर्ष के थे. वह अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और एक बेटी को छोड़कर गये हैं. परिजनों के अनुसार उन्हें बीपी, शुगर व लीवर संबंधित बीमारी थी. रात में वह भोजन कर सोये थे. सुबह घरवालों ने जब उन्हें उठाया तो वह नहीं जगे. इसके बाद परिवार के सदस्य उनको टीएमएच लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उनका अंतिम संस्कार साकची स्थित सुवर्ण रेखा घाट पर किया गया. बिरजू शाह की मौत पर झारखंड बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष उत्तम सिंह, सचिव आनंद बिहारी, डॉ दिनेश उपाध्याय, कोषाध्यक्ष आरके वर्मा, वीपुल, कोच ए लकड़ा, अजित सिंह, अरुणा मिश्रा, तरुणा मिश्रा ने गहरा शोक व्यक्त किया है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जमशेदपुर को दिलायी पहचान
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी देश का नाम रोशन करने वाले चैंपियन मुक्केबाज बिरजू शाह आर्थिक कठिनाइयों के दौर से गुजरे. न तो बॉक्सिंग महासंघ ने और न ही सरकार ने इस चैंपियन की ओर मदद का हाथ बढ़ाया. किसी संस्था ने भी इनकी तरफ नहीं देखा. ऐसे में एशियन और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को रजत और कांस्य पदक दिलाने वाले मुक्केबाज बिरजू शाह दो जून की रोटी की जुगाड़ में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने को मजबूर थे. बच्चों ने पैसों की तंगी के चलते पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी. वह किसी तरह से परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर पा रहे थे. बिरजू का नाम कभी वर्ल्ड के टॉप 7 बॉक्सिंग प्लेयर में शुमार हुआ करता था. बिरजू शाह ने इंडिया के लिए साल 1994-95 में सिल्वर व ब्रॉन्ज़ मेडल एशियाई गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स (जापान) में जीता था. बिरजू शाह ने देश में खेले गए विभिन प्रतियोगिताओं में न जाने कितने मेडल जीत रखे हैं. दुर्भाग्य की बात यह है कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से बिरजू पिछले 7 साल से सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे थे. बिरजू के पिता और पत्नी दोनों पैरालिसिस से ग्रसित हैं. उनके 2 बच्चे हैं, जिन्होंने पढ़ाई छोड़ दी है.
बिरजू शाह की उपलब्धियां
टूर्नामेंट पदक
अशियन गेम्स (1994) कांस्य पदक
कॉमनवेल्थ गेम्स (1994) कांस्य पदक
जूनयर एशियन चैंपियनशिप (1993) कांस्य पदक
वाइएमसीए इंटरनेशनल चैंपियनशिप (1996) गोल्ड मेडल
इंटरनेशनल आमंत्रण टूर्नामेंट (1994, 1998) कांस्य पदक
नेशनल गेम्स (1993) गोल्ड
नेशनल चैंपियनशिप (1995, 1996) गोल्ड
वाइएमसीए चैंपियनशिप (1996) गोल्ड
नेशनल गेम्स (1994) गोल्ड
नेशनल चैंपयिशनिप (1998) गोल्ड
नेशनल गेम्स (1999) रजत पदक
नेशनल गेम्स (1997) कांस्य पदक
ईस्ट इंडिया ओपन चैंपियनशिप (2000) कांस्य पदक
रिपोर्ट : निसार, जमशेदपुर