डॉक्टर के ड्यूटी से गायब रहने की जांच पूरी, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

पलामू के छत्तरपुर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर तैनात डॉक्टर मृत्युंजय सिंह पर ड्यूटी से गायब रहने के लगे आरोप की जांच पूरी हो गयी. इसके लिए बनी दो सदस्यीय टीम ने अपनी रिपोर्ट आयुक्त को सौंप दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 26, 2024 9:52 PM

जांच टीम ने आयुक्त को सौंपी अपनी रिपोर्ट, शिकायत को बताया सही

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राजेश अग्रवाल की कार्यशैली पर भी उठाये सवाल

जमशेदपुर :

पलामू के छत्तरपुर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर तैनात डॉक्टर मृत्युंजय सिंह पर ड्यूटी से गायब रहने के लगे आरोप की जांच पूरी हो गयी. इसके लिए बनी दो सदस्यीय टीम ने अपनी रिपोर्ट आयुक्त को सौंप दी है. सौंपे गयी रिपोर्ट में शिकायत को सही बताया गया है. ज्ञात हो कि डॉ मृत्युंजय सिंह की ड्यूटी से गायब रहने की शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की गयी थी. विभाग ने इसको गंभीरता से लेते हुए आयुक्त को जांच कर इसकी रिपोर्ट देने को कहा था. आयुक्त ने इसकी जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की थी.

बायोमेट्रिक एवं उपस्थिति पंजी में काफी अंतर

आयुक्त को सौंपी गयी रिपोर्ट में बताया गया कि डॉक्टर मृत्युंजय सिंह का बायोमेट्रिक एवं उपस्थिति पंजी में दर्ज आंकड़े में काफी अंतर है. सितंबर 2023 से तीन जुलाई तक की बायोमेट्रिक उपस्थिति सिर्फ 69 दिन है, जबकि उपस्थिति पंजी में 262 दिन उपस्थित दिखलाया गया है. टीम ने शिकायत को सही बताया है.

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राजेश अग्रवाल की कार्यशैली पर भी सवाल

टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बायोमेट्रिक और उपस्थिति पंजी में दर्ज अंतर से स्पष्ट होता है वह नियमित ड्यूटी नहीं करते हैं. यह सब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राजेश अग्रवाल की मिलीभगत से यह ही संभव हो पाया. टीम ने बताया कि यदि डॉक्टर मृत्युंजय सप्ताह में बायोमेट्रिक दो दिन बनाते हैं. वहीं उपस्थिति पंजी में सभी दिन अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं तो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कभी सवाल क्यों नहीं पूछा. उन्होंने कभी भी इसकी जानकारी अपने वरीय पदाधिकारियों को नहीं दी. वह हर महीने शत प्रतिशत उपस्थिति रिपोर्ट सिविल सर्जन को भेजते रहे. जिसके आलोक में सिविल सर्जन द्वारा सितंबर 2023 से लेकर अबतक का वेतन डॉक्टर मृत्युंजय सिंह को भुगतान किया गया. टीम ने बताया कि डॉक्टर मृत्युंजय सिंह यह भी नहीं कह सकते कि जिस दिन उनकी बायोमेट्रिक अटेंडेंश नहीं है, उस दिन डिवाइस काम नहीं कर रहा था, क्योंकि अन्य कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति लगभग शत-प्रतिशत दर्ज है.

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