IRCTC/Indian Railways: जमशेदपुर (कुमार आनंद) – टाटा स्टेशन यार्ड (Tata station yard) में खड़ी ट्रेन से चोरी हुई केबुल बुधवार को आरपीएफ कांड्रा की विशेष टीम (RPF Kandra’s special team) ने बरामद की. चोरी का मामला प्रकाश में आने के बाद इसे आरपीएफ कांड्रा की विशेष टीम ने 24 घंटे के अंदर छापामारी कर कीताडीह से मुख्य सरगना सुरज सेन, बागबेड़ा गुदड़ी मार्केट स्थित स्क्रैप टाल मालिक उपेंद्र पोद्दार, विष्णु सिंह आनंदनगर बागबेड़ा व राजा गगराई गांधीनगर बागबाड़ा कुल चार को दबोचा.
ट्रेन के नीचे लोहे का ब्रॉक्स काटकर चोरी किया गया केबुल व अन्य उपकरण बरामद किया है. हालांकि बरामदगी के समय तार का कई हिस्सा जला हुआ व छिला व काटी हालत में था. गौरतलब हो कि कोविड 19 को लेकर टाटानगर स्टेशन यार्ड में महिनों पूर्व से खड़ी गुड्स ट्रेन में केबुल और ट्रांसफार्मर की चोरी को हो गयी है. इसकी पुष्टी ट्रेन के कोलकाता पहुंचने पर हुई. इस मामले में मर्शिग यार्ड खड़गपुर आरपीएफ थाना में अज्ञात चोर के विरुद्ध केबुल व अन्य चोरी होने का मामला दर्ज किया गया था. चूंकि घटना स्थल टाटानगर था इस कारण केस टाटानगर आरपीएफ पोस्ट ट्रांसफर किया गया था. छापेमारी की नेतृत्व कांड्रा आरपीएफ थाना प्रभारी आरबी सिंह, एएसआइ रंजीत कुमार, सुंदर सिंह, अभय कुमार, रमेश तिवारी, अटल कुमार शामिल थे. मुख्य सरगना समेत चारों को टाटा आरपीएफ टीम के सौंपा
गुड्स ट्रेन से केबुल व अन्य उपकरण के चोरी के मामले में आरपीएफ कांड्रा की टीम ने मुख्य सरगना समेत चारों अभियुक्त को टाटा आरपीएफ टीम को सौंप दिया. चूंकि केबुल चोरी का घटना स्थल टाटानगर था. इस कारण केस के आगे का अनुसंधान आरपीएफ टीम को नियमानुसार करना है. दुर्गापूजा से पूर्व यह केबुल चोरी हुई थी का हुआ खुलासापूछताछ में मुख्य सरगना सुरज सेन ने टाटा स्टेशन यार्ड में खड़ी गुड्स ट्रेन में दुर्गापूजा उक्त केबुल चोरी किये जाने का खुलासा किया.आरपीएफ टीम के मुताबिक सुरज सेन समेत पकड़े गये चारों लोगों से पूछताछ में रेलवे व दूसरे क्षेत्र में हुए अन्य आपराधिक घटनाओं का खुलासा हो सकेगा.टाटानगर स्टेशन यार्ड से खड़ी ट्रेन बोगियों से 55 नग बैटरी की चोरी हुई थी. हालांकि सरायकेला और बर्मामाइंस लाल बाबा ट्यूब स्क्रैप टॉल में छापामारी करने से 58 नग बैटरी बरामद हुई थी. इससे और भी ट्रेनों में चोरी होने की पुष्टि हुई थी. यह खुलासा भी आपीएफ कांड्रा की टीम ने किया था.
Posted By : Guru Swarup Mishra