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IRCTC/Indian Railways : दक्षिण पूर्व रेलवे में एक ही जगह से 25 से अधिक रेलवे स्टेशनों का ट्रैफिक होगा कंट्रोल

IRCTC/Indian Railways : जमशेदपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे में आधुनिकीकरण का असर जल्द दिखने लगेगा. ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि एक ही जगह से 25 से अधिक रेलवे स्टेशनों के ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा सके. जल्द ही सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगने जा रहा है. इससे रेल कर्मचारी एक स्थान से ही बैठे-बैठे 25-30 रेलवे स्टेशनों के ट्रैफिक को कंट्रोल कर सकेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2020 10:54 AM

IRCTC/Indian Railways : जमशेदपुर : दक्षिण पूर्व रेलवे में आधुनिकीकरण का असर जल्द दिखने लगेगा. ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि एक ही जगह से 25 से अधिक रेलवे स्टेशनों के ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा सके. जल्द ही सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगने जा रहा है. इससे रेल कर्मचारी एक स्थान से ही बैठे-बैठे 25-30 रेलवे स्टेशनों के ट्रैफिक को कंट्रोल कर सकेंगे.

ये सिस्टम वैसे स्टेशनों में लगाये जायेंगे, जहां इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लग चुके हैं. चक्रधरपुर मंडल के टाटानगर समेत कई रेलवे स्टेशनों में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लगाये गये हैं, जबकि कई रेलवे स्टेशनों में इसे लगाने का काम चल रहा है.

भारतीय रेल के सभी जोन में सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाने का निर्देश दिया गया है. इसके तहत हावड़ा-बिलासपुर सेक्शन में इसे पहले लगाया जायेगा. इसके बाद चक्रधरपुर मंडल के रेलवे स्टेशनों का चयन किया जायेगा. देश के दो हजार स्टेशनों में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लगाये जा चुके हैं.

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सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लग जाने के बाद सिग्नल सिस्टम को और आसान व सरल बनाया जायेगा, ताकि दुर्घटनाओं को कम किया जा सके. आने वाले समय में इसके तहत ट्रेन के इंजन में ही सिग्नल डिवाइस (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) लगाया जायेगा और चालक इस सिग्नल डिवाइस में आने वाले सिग्नल को देखकर ही ट्रेनों का परिचालन आसानी से कर सकेंगे.

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इंजन में सिग्नल सिस्टम लगने के बाद ड्राइवर को ट्रैक के किनारे लगे सिग्नल को देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 200 किलोमीटर तक के सिग्नल सेंसर के जरिए मैग्नेटिक इंडेक्ट के माध्यम से ड्राइवर को मिलते रहेंगे.

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टाटानगर में लगे इलेक्ट्रॉनिक रुट रीले इंटरलॉकिंग सिस्टम को रेलवे स्टेशन मास्टर द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है. मुख्य लाइन से किसी ट्रेन को अगर एक नंबर प्लेटफॉर्म में ले जाना है, तो बस कंप्यूटर में माउस के माध्यम से क्लिक कर ट्रैक के पैनल को कंट्रोल कर ट्रेन को एक नंबर प्लेटफॉर्म में मार्ग बदल कर पहुंचाया जा रहा है.

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सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लग जाने पर आरआरआई का काम खत्म हो जायेगा और जिस स्थान पर यह सिस्टम लगा होगा, वहां से 25-30 स्टेशनों तक ट्रेन के किसी भी प्लेटफॉर्म में पहुंचाया जा सकेगा. इससे मैन पावर की बचत होगी और सुरक्षा बढ़ेगी.

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रेलवे बोर्ड के एडिशनल मेंबर सिग्नल राजीव शर्मा ने बताया कि सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम व आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से ट्रेनों का परिचालन आने वाले समय में किया जायेगा. इसकी तैयारी की जा रही है. सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को पहले हावड़ा-बिलासपुर सेक्शन में लगाया जायेगा. इसे लगाने के लिए देशभर के सभी जोन का चयन किया गया है.

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इंडियन रेलवे एस एंड टी मेंटेनर्स यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार ने बताया कि सेंट्रलाइज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम का इस्तेमाल होने से कम मैन पावर लगेगा. आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से सिग्नल सेंसर के माध्यम से दिया जायेगा, तो ट्रैक के किनारे लगे सिग्नल को देखने की जरूरत ड्राइवर को नहीं पड़ेगी. दो सौ किलोमीटर तक सिग्नल सेंसर के माध्यम से ड्राइवर को इंजन के केबिन में ही मिलते रहेंगे.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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