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सामाजिक मुद्दों को बहुत कायदे से उठाने की जरूरत है. अफसोस है कि अब सामाजिक मुद्दों को उठाने वालों की संख्या बेहद कम हो गयी है. जमशेदपुर जैसे शहर में अगर कोई जाम के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे पुलिस नोटिस दे देती है, एफआइआर कर देती है. उस आदमी के लिए सामाजिक संगठनों को आवाज उठानी चाहिए. दुर्भाग्य है कि ऐसे सामाजिक संगठनों की अब कमी हो गयी दिखती है. अब कोई किसी के लिए आवाज नहीं उठाता. यह लोकतंत्र के बेहद घातक है. जमशेदपुर में ऐसा ही दिख रहा है. मुद्दों को ठीक से उठाने की प्रवृति धीरे-धीरे कम हो रही है. यह जनता और जनप्रतिनिधि दोनों के लिए ठीक नहीं है. उक्त बातें जमशेदपुर पश्चिमी के नवनिर्वाचित विधायक सरयू राय ने कही. वे बिष्टुपुर स्थित श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान में जमशेदपुर सिटीजन फोरम की ओर से आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. सरयू राय ने कहा कि शहर के मानगो पुल पर लगने वाले जाम को लेकर प्रशासन बहुत गंभीर नहीं है. एक मीटिंग तो अभी प्रशासनिक अधिकारियों ने की है, लेकिन उसका कोई बहुत प्रभाव नहीं दिख रहा है. दरअसल समस्या की जड़ में मानगो पुल नहीं, टिमकेन चौराहा है.चांडिल डैम से पानी उठाएं और डिमना में डालें : सरयू
सरयू राय ने कहा कि पानी को लेकर मारामारी होते रहती है. वह कब से कह रहे हैं कि चांडिल डैम से पानी उठाएं और डिमना में डालें. फिर डिमना से पूरे शहर को सप्लाई करें. मुसाबनी तक पानी चला जायेगा. पूरे शहर में पानी की दिक्कत नहीं होगी. प्यूरीफिकेशन भी पूरा होगा. खर्चा भी नहीं बढ़ेगा. पानी साफ हो जायेगा. सतनाला डैम, डोबो डैम से सीधे पानी जाये तो कांड्रा और मुसाबनी तक पानी चला जायेगा. अगले 100 साल तक किसी को पानी की दिक्कत नहीं होगी. बेहतर योजना बनाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि दामोदर नदी का 95 प्रतिशत शुद्धीकरण हो चुका है. सुवर्णरेखा का प्रदूषण दूर करने के लिए पांच स्थानों का चयन किया गया है.
अब अपराधी लड़ते हैं चुनाव
सरयू राय ने कहा कि पहले की राजनीति में आपराधिक तत्व नहीं थे. जो होते भी थे, वह भले मानस की तरह सियासी दलों से जुड़ते थे. अब तो सीधे अपराधी चुनाव लड़ रहे हैं. 70 के बाद से राजनीति का अपराधीकरण होने लगा, जो आज तक बदस्तूर जारी है.
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